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गहलोत ने ट्वीट करके कोविड वैक्सीन के संबंध में जारी केन्द्रीय आंकड़ों को बताया गलत

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Published : Mar 9, 2021, 10:10 PM IST

कोविड वैक्सीन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्ववीट किए. मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि राजस्थान को 37.61 लाख कोविड वैक्सीन मिली और सोमवार तक 24.28 लाख वैक्सीन ही लगाई गई हैं. यह डाटा पूर्णतः गलत है.

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गहलोत ने ट्वीट करके कोविड वैक्सीन

जयपुर. ट्वीट में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 8 मार्च तक राजस्थान को 31,45,340 वैक्सीन प्राप्त हुईं. इनमें से 2,15,180 वैक्सीन सेना को उपलब्ध करवाई गईं हैं. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नियमानुसार अन्य लोगों को लगाने के लिए 29,30,160 उपलब्ध हुईं.

8 मार्च तक 23,26,975 वैक्सीन प्रदेश में लगाई जा चुकी हैं. 1,62,888 वैक्सीन खराब हुईं जो केन्द्र सरकार की ओर से अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से भी कम है. इस प्रकार प्रदेश में 8 मार्च को 4,40,297 वैक्सीन ही उपलब्ध थीं.

गहलोत ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन दो लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है. ऐसे में 8 मार्च को सिर्फ दो दिन का वैक्सीनेशन करने के लिए ही वैक्सीन उपलब्ध थीं, इसलिए राज्य सरकार ने केन्द्र से अतिरिक्त वैक्सीन भेजने की मांग की. जिसके बाद प्रदेश को 9 मार्च को 85 हजार वैक्सीन प्राप्त हुईं.

केन्द्रीय मंत्री से करूंगा अपील

गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राजस्थान के संबंध में जारी किया गया डाटा पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा कि मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से अपील करूंगा कि वे अपने अधिकारियों को जल्दी ही वैक्सीन उपलब्ध करवाने और राजस्थान के बारे में गलत जानकारी ना देने के लिए निर्देश दें.

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राजस्थान में अभी इतना वैक्सीनेशन

तीसरे चरण में देश का लगभग 22 प्रतिशत वैक्सीनेशन राजस्थान में ही किया जा रहा है. यहां पर सरकार और आमजन दोनों ही वैक्सीन को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा इस तरह की गलतबयानी करने से प्रदेश के नागरिकों और कोरोना वॉरियर्स का हौसला कम होगा. जैसा कि कहा जा रहा है केन्द्र वैक्सीन 5-7 दिन में उपलब्ध करवा सकेगा.

इससे पुनः वैक्सीनेशन में परेशानी आ सकती है. इस अनिश्चितता को देखते हुए केवल मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल एवं प्राईवेट अस्पतालों में ही वैक्सीनेशन को चालू रखा गया और कुछ जिलो में पीएचसी/सीएचसी स्तर पर मजबूरन वैक्सीन की प्रथम डोज बंद करनी पड़ी.

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