जयपुर.कोरोना वायरस को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने दवा बनाने का दावा किया है. लेकिन इस दवा को केंद्र सरकार के बाद राज्य की गहलोत सरकार ने भी खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं प्रदेश की सरकार ने साफ कर दिया कि अगर यह दवाई राजस्थान में बेची जाती है, तो बाबा रामदेव का जेल की सलाखों के पीछे जाना तय है. सरकार ने राजस्थान में इस दवा के परीक्षण के दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया है.
जिस कोरोना वायरस को हराने वाली वैक्सीन बनाने का काम पूरी दुनिया नहीं कर पाई, उसके लिए बाबा रामदेव ने दवा बनाने का दावा किया है. जिसकी मंगलवार को बाबा रामदेव ने लॉन्चिंग भी की. लेकिन लॉन्चिंग के कुछ घंटे बाद ही यह दवा विवादों में आ गई. आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव के इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाई है. जिसके बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने भी इस दवा को पूरी तरीके से गैरकानूनी बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.
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चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने साफ कर दिया है कि जिस दवा को लेकर बाबा रामदेव दावा कर रहे हैं, उस दवा का परीक्षण राजस्थान में नहीं किया गया है. दवा के परीक्षण को लेकर प्रदेश की सरकार से किसी भी तरीके से ना तो कोई अनुमति ली गई और ना ही किसी तरीके से कोई जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि किसी भी दवा के लिए, जो नियम बने हुए हैं उनमें से किसी भी नियम की पालना करके यह दवा नहीं बनाई गई.
'दुकान चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई'
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बाबा रामदेव अपनी दुकान चला रहे हैं. इस तरह से दुकान चला कर किसी भी प्रोडक्ट की लॉन्चिंग करेंगे और कोरोना वायरस की दवा को लेकर दावा करेंगे, तो यह बर्दाश्त करने वाली बात नहीं है. रघु शर्मा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इस तरह की दुकान चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
'राजस्थान से किसी तरह कोई संबंध नहीं'