जयपुर. कांग्रेस के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों को मंत्री बनने के लिए इंतजार करना होगा. पहले ऐसा माना जा रहा था कि दिवाली के आस-पास गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल होने पर इन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन दिवाली पर भी इन विधायकों पर लक्ष्मी की कृपा नहीं हुई. दिल्ली में इस मुद्दे को लेकर हाईकमान के स्तर पर चर्चा भी हो चुकी है.
कांग्रेस हाईकमान के स्तर से हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है. राज्य में लंबे समय से अटके हुए मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों पर बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों और पायलट खेमे के विधायकों की पैनी नजर है.
पढ़ें.केंद्र के Excise Duty कम करने के साथ ही राज्यों का उसी अनुपात में VAT स्वतः ही कम हो जाता है: सीएम गहलोत
राजस्थान में पिछले 6 महीने से कांग्रेस पार्टी के विधायकों को इंतजार है कि कब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल करेंगें और उनकी मंत्री बनने कि आस पूरी हो. जुलाई से तो यह प्रक्रिया इतनी तेजी से चली कि कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल जयपुर पहुंचे ,तो उसके बाद प्रभारी महासचिव अजय माकन विधायकों और पदाधिकारियों का फीडबैक लेकर भी दिल्ली चले गए.
विधायकों की नहीं हुई मनोकामना पूरी
इसके बाद विधायकों को अगस्त महीने से हर महीने यह लग रहा है कि इस महीने तो उनकी आस पूरी हो ही जाएगी. इसी बीच मंत्री बनने की उम्मीद लगाए विधायक यह तो मान कर चल ही रहे थे कि कम से कम इस बार दिवाली पर तो उनकी मंत्री बनने की मनोकामना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी करेंगे. दिवाली पर अपने क्षेत्र में मंत्री बन कर ही पहुंचेंगे. लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ.
पढ़ें.Petrol and Diesel Price Today: लंबे अरसे के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट, डीजल ₹100 प्रति लीटर से नीचे
मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने से पर उन मंत्रियों और उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है जिनका नाम मंत्री पद से हटने वाले मंत्रियों की लिस्ट में शामिल है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को गुजरात का प्रभार सौंपा गया. इन मंत्रियों को यह लगने लगा कि कद्दावर नेताओं को प्रभारी बनाने के बाद मंत्री पद से मुक्त किया जा सकता है ,तो फिर मंत्री पद से हटने वाली लिस्ट में किसी भी मंत्री का नाम आ सकता है.
मंत्रियों के समर्थक चिंतित
कई मंत्रियों के समर्थक चिंतित है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनके मंत्री को हटाया जा सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसे समर्थकों को दिवाली पर तो झटका नहीं दिया है. जबकि दिवाली के आस-पास मंत्री बनने की उम्मीद लगाए विधायक और उनके समर्थक मायूस है. ऐसे में कहा जा सकता है की मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने से एक खेमे में खुशी और दूसरे खेमें में मंत्री नहीं बनने का गम है.