जयपुर.शहर नगर निगम चुनाव में इस बार भाजपा ने पूर्व महापौर रह चुकी शील धाबाई पर भी दांव खेला है. साथ ही उपमहापौर रह चुके मनीष पारीक को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है. इस बार जयपुर नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर दोनों में महापौर पद ओबीसी महिला के लिए रिजर्व है. लिहाजा जयपुर नगर निगम ग्रेटर में यदि भाजपा का बोर्ड बना, तो शील धाबाई महापौर का फेस हो सकती हैं. बता दें कि आज नामांकन का आखिरी दिन है. ईटीवी भारत में शील धाबाई से बातचीत की.
महापौर चुनाव लड़ने का प्रोसीजर पार्षद चुनाव से ही होता है शुरू
ETV भारत से खास बातचीत में जयपुर की पूर्व महापौर शील धाबाई ने कहा कि चुनाव छोटा या बड़ा नहीं होता. वो पार्षद का चुनाव लड़ रही हैं और महापौर चुनाव लड़ने के लिए इस प्रोसीजर से तो गुजरना पड़ता ही है. धाबाई ने कहा 'पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताया. जिसके लिए मैं उनकी आभारी हूं और निश्चित तौर पर खरी भी उतरूंगी.
धाबाई के अनुसार महापौर किसे बनाना है और किसे नहीं, यह तय करना पार्टी का काम है. लेकिन मुझे विश्वास है कि मेरे अनुभव और पिछले कामकाज को देखते हुए पार्टी मुझ पर विश्वास जताएगी. उनके अनुसार पूर्व में महापौर रहते हुए उन्होंने दो बार यूनेस्को अवार्ड भी जीता और जयपुर को क्लीन सिटी का अवार्ड भी दिलवाया और कई डेवलपमेंट के काम भी करवाएं. शील धाबाई के अनुसार जयपुर की जनता और कार्यकर्ता चाहते थे कि एक बार वापस मुझे मौका मिले और संगठन ने मुझे मौका देकर उन कार्यकर्ताओं की आवाज को सुना है.
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बातचीत में भाजपा प्रत्याशी धाबाई ने ये बात भी स्वीकार की कि इस बार जो टिकट का वितरण हुआ है, उसमें संगठन ने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को ही आगे रखा है. उन्होंने कहा कि इस बार विधायकों को नहीं, बल्कि संगठन ने उन कार्यकर्ताओं को तवज्जो दिया. जो सालों से पार्टी की सेवा कर रहे थे. लेकिन विधायकों की गुडविल में नहीं थे और जिन्हें विधायकों ने इस चक्कर में ठंड में लगा रखा था.