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किसान संगठनों के पदाधिकारी सिंधु बाॅर्डर से पहुंचे जयपुर, कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों को कर रहे जागरूक

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे दिल्ली-सिंधु बॉर्डर से किसान संगठन के पदाधिकारी शनिवार सुबह जयपुर पहुंचे. जहां संगठन के पदाधिकारियों ने शहर के प्रमुख बाजारों में पैदल मार्च कर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया.

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किसान संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे जयपुर

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Published : Jan 9, 2021, 3:39 PM IST

जयपुर.केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में किसानों का विरोध तेज होता जा रहा है. किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इसी के तहत दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंधु बॉर्डर से किसान संगठन के पदाधिकारी शनिवार सुबह जयपुर पहुंचे.

किसान संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे जयपुर

संगठन के पदाधिकारियों ने शहर के प्रमुख बाजारों में पैदल मार्च कर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया. इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. दिल्ली रोड पर धोबी घाट के पास नानकसर गुरुद्वारा में रूके पदाधिकारियों का जयपुर सिख समाज मंडल ने अगुवाई की. किसानों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.

इसके साथ ही किसान नेता हरप्रीत सिंह ने बताया कि जौहरी बाजार, चांदपोल बाजार, हवा महल समेत शहर के अन्य इलाकों में जाकर किसान कृषि कानून का विरोध किया जाएगा. साथ ही लोगों को कृषि कानून के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है. जयपुर सिंह समाज के जगजीत सिंह सूरी ने बताया कि सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के किसानों का जत्था दिल्ली बाईपास गुरुद्वारे पहुंचा. गुरुद्वारे से पैदल यात्रा कर जयपुर शहर के मुख्य बाजारों में की गई. जयपुर सिख समाज की ओर से जयपुर पहुंचे किसानों का सम्मान किया गया.

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राजापार्क में भी कृषि कानून से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा. किसान इस कानून को लेकर काफी ज्यादा विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं और राजस्थान की शाहजहांपुर बॉर्डर हो या फिर दिल्ली की सिंघु बॉर्डर तमाम जगह पर कृषि कानून का विरोध हो रहा है. वहीं, केंद्र सरकार के खिलाफ चलाए गए इस अभियान के तहत एक जब सिंघु बार्डर से किसानों का जत्था राजधानी पहुंचा तो यहां पर कर्बला युवा शांति और सुधार समिति की तरफ से इन लोगों को समर्थन दिया गया. समिति के अध्यक्ष सलीम ने बताया कि यह कानून किसान विरोधी कानून है. जब तक मोदी सरकार इस कानून को वापस नहीं ले लेती. तब तक इसी तरह से यह विरोध जारी रहेगा.

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