राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

स्मार्ट मीटर पर सियासी जंग: भाजपा के आरोपों पर ऊर्जा मंत्री का पलटवार, कहा- केंद्र की गाइडलाइन पर ही लगा रहे स्मार्ट मीटर

राजस्थान में बिजली के स्मार्ट मीटर पर सियासी जंग शुरू हो गई है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने भाजपा के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी विरोध करने से पहले एक बार स्मार्ट मीटर का परीक्षण कर लें.

Smart meter latest news,  Energy Minister BD Kalla interview
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला

By

Published : Dec 2, 2020, 9:07 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 10:51 PM IST

जयपुर.प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम जयपुर में शुरू हुआ तो इस पर सियासत भी शुरू हो गई. पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे अरुण चतुर्वेदी ने सरकार को चेता दिया कि यदि मीटर लगाना बंद नहीं किया तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी. वहीं, ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि विरोध करने वालों को यह भी जानकारी नहीं है कि स्मार्ट मीटर केंद्र की गाइडलाइन के तहत ही लगाए जा रहे हैं.

ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला से बातचीत

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बीडी कल्ला ने ये भी कहा कि प्रदेश में बीजेपी केवल विपक्ष के नाते विरोध करती है, जबकि स्मार्ट मीटर लगाए जाने का निर्णय केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय का है. मतलब सीधे तौर पर केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत ही सभी राज्यों में बिजली उपभोक्ताओं के यहां नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. अब यदि ये जानकारी विरोध करने वाले भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को नहीं है तो वो कम से कम इसकी जानकारी जुटा लें. कल्ला के अनुसार स्मार्ट मीटर लगाए जाने से ना तो उपभोक्ता को नुकसान है और ना किसी और को, बल्कि इसको लगाए जाने के बाद डिस्कॉम और बिजली उपभोक्ता दोनों को लाभ ही होगा.

पढ़ें-डिस्कॉम के स्मार्ट मीटर लगाने का भाजपा ने किया विरोध, चतुर्वेदी ने कहा- जनता को लूटने का षड्यंत्र

स्मार्ट मीटर लगाने पर डिस्कॉम को भारत सरकार दे रही अनुदान

ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने यह भी कहा कि जिस स्मार्ट मीटर योजना को लेकर भाजपा विरोध कर रही है, उसी योजना के तहत हमें बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने पर केंद्र सरकार अनुदान दे रही है. कल्ला के अनुसार ना केवल राजस्थान बल्कि देश के सभी राज्यों में केंद्र सरकार की योजना के तहत ही स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इस स्मार्ट मीटर के कई फायदे हैं, जिसमें उपभोक्ता को अपने मोबाइल पर ही बिजली खपत लोड और बिल संबंधी कई जानकारियां मिल पाएगी. स्मार्ट मीटर लगाने से डिस्कॉम को भी फायदा है और बिजली उपभोक्ताओं को भी.

बीजेपी विरोध करने से पहले कर लें एक बार परीक्षण

ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि भरतपुर, कोटा, बीकानेर और अजमेर में पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में जो व्यवस्था की गई थी, मौजूदा स्मार्ट मीटर लगाने की यह प्रक्रिया उससे अलग है. कल्ला ने यह भी कहा कि बीजेपी के जो भी नेता स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं वो पहले पुराने इलेक्ट्रॉनिक मीटर और नए स्मार्ट मीटर दोनों लगाकर उसका परीक्षण कर लें और उसके बाद अपना विरोध करें.

कल्ला ने कहा कि हमने जयपुर के प्रतापनगर में 2 महीने तक यह दोनों मीटर लगाकर परीक्षण भी किया और बिजली के कनेक्शन में दोनों मीटर में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं आया. यही कारण है कि अब अन्य स्थानों पर भी स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं.

भाजपा ने लगाए थे ये आरोप

हाल ही में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने स्मार्ट मीटर योजना को लेकर सवाल खड़े किए थे. साथ ही यह भी कहा था कि जब भरतपुर, कोटा और बीकानेर में इन स्मार्ट मीटर का विरोध हो चुका है तो जयपुर में सरकार इसे क्यों लागू कर रही है. चतुर्वेदी ने यह भी कहा था कि नए स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार आएगा. ऐसे में बीजेपी इन स्मार्ट मीटर के विरोध में जरूरत पड़ने पर सड़क पर उतर कर भी आंदोलन करेगी.

Last Updated : Dec 2, 2020, 10:51 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details