जयपुर. राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अधिकतर दुकान, प्रतिष्ठान, ऑफिस बंद कर दिए हैं. जो कुछ चल भी रहे हैं वो महज कुछ घंटों के लिए ही खोले जाते हैं. लेकिन उनका बिजली का बिल पूरा आता है. बिल में स्थाई शुल्क, विलंब शुल्क के साथ वे तमाम अलग-अलग शुल्क भी जुड़ कर आ रहे हैं जो आर्थिक रूप से परेशान बिजली उपभोक्ताओं को रास नहीं आ रहे.
आर्थिक स्थिति खराब, फिर भी उपभोक्ताओं को राहत नहीं डिस्कॉम ने इस बार केवल 31 मई तक कोई कनेक्शन नहीं हटाए जाने की राहत दी है. लेकिन बिजली के बिल के भुगतान में छूट या कैटेगरी विशेष के उपभोक्ताओं के बिल माफी आदि को लेकर किसी प्रकार की कोई छूट नहीं है. जबकि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान राजस्थान में अप्रैल मई-जून यानी तीन माह तक बिजली के बिलों का भुगतान सरकार ने स्थगित कर दिया था. उसके बाद भुगतान भी 2 किश्तों में बिना विलम्ब शुल्क लिया गया. यह व्यवस्था डेढ़ सौ यूनिट प्रति माह उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए थी. जिन बिजली उपभोक्ताओं ने बिजली का बिल का भुगतान तय समय में ऑनलाइन किया उसे भी भुगतान में 5% की छूट अगले बिल में दिए जाने की व्यवस्था की थी. इसके अलावा छोटे, माध्यम और बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं के बिल में लगने वाले स्थायी शुल्क 3 माह के लिए डेफर किए गए थे. लेकिन इस बार राहत के नाम पर बिजली उपभोक्ताओं को कुछ नहीं दिया जा रहा. यही कारण है कि भाजपा नेता अब इस मामले में प्रदेश सरकार पर ये शुल्क 3 माह तक माफ करने का दबाव बना रहे हैं.
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इस बार बिजली उपभोक्ताओं को कोई भी छूट नहीं दिए जाने का एक बड़ा कारण प्रदेश में संपूर्ण लॉक डाउन ना होना तो है ही. साथ ही डिस्कॉम की खराब माली हालत भी बड़ा कारण है. ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला के अनुसार वर्तमान में डिस्कॉम पर करीब 1 लाख करोड़ का घटा है जो लगातार बढ़ रहा है. कल्ला ये भी कहते हैं की बिजली वितरण कंपनियों को विद्युत उत्पादन कंपनियों को फिक्स चार्ज देना पड़ता है. ऐसे में वो चाहकर भी इसकी राहत नहीं दे सकते हैं. लेकिन यदि केंद्र सरकार इस वैश्विक महामारी में फिक्स चार्जेज का पुनर्भरण राज्यों को कर दें तो ये राहत मिल सकती हैं.
डिस्कॉम वसूल रहा बिजली बिल प्रदेश में कितने किस वर्ग को बिजली कनेक्शन
राजस्थान में घरेलू कनेक्शन करीब 1 करोड़ 10 लाख 81 हजार 962 हैं. अघरेलू कनेक्शन की संख्या 10 लाख 38 हजार 246 है. औद्योगिक कनेक्शन 1 लाख 69 हजार 112 है. तो वहीं कृषि कनेक्शन 14 लाख 80 हजार 379 हैं. इसी तरह मिक्स लोड कनेक्शन की संख्या 30 हजार 697 है. इनमें यदि सबसे ज्यादा स्थायी और विलंब शुल्क सहित अन्य शुल्कों का भार किसी उपभोक्ता पर पड़ेगा तो वो है छोटे और मध्यम उद्योग वाले बिजली उपभोक्ता, जिनके उद्योग दुकान और प्रतिष्ठान बंद हैं. लेकिन बिजली का बिल इन तमाम शुल्कों के साथ मिलना जारी है.