जयपुर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में आज शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा प्रेस से मुखातिब हुए. इस मौके पर उन्होंने शिक्षा विभाग का दो साल का लेखा-जोखा बताकर विभाग की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने के मामले में देश में ऊपरी पायदान पर है. इस मौके पर विभाग की उपलब्धियां बताने वाला एक वीडियो जारी किया गया और कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डोटासरा ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को बदल दिया था, जिससे कंट्रोवर्सी हो गई थी. हमने इसे दुरुस्त करवाकर एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया और कंट्रोवर्सी खत्म की है. इसका बड़ा फायदा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय मिलता है.
उन्होंने बताया कि इंस्पायर अवार्ड योजना में प्रदेश का पहला स्थान है. इस योजना में 8,027 विद्यार्थियों का चयन हुआ है. प्रदेश में 201 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम की स्थापना की गई. विद्यार्थियों के लिए बस्तों का बोझ कम करने के लिए नो बैग डे लागू किया गया और एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करवाया गया. आरटीई के तहत प्रवेश के लिए न्यूनतम आय सीमा 1 लाख से बढ़कर 2.50 लाख रुपए की गई. विद्यार्थियों की कॅरियर काउंसलिंग के लिए राजीव गांधी कॅरियर पोर्टल शुरू किया गया और 160 विद्यालयों का नामकरण शहीदों के नाम पर किया गया. उनका कहना है कि कोरोना काल मे बच्चों की पढ़ाई जारी रहे इसके लिए स्माइल कार्यक्रम के तहत 20 हजार वाट्सएप ग्रुप, डीडी राजस्थान पर शिक्षा दर्शन और रेडियो पर शिक्षा वाणी से शिक्षण सामग्री पाठ्यसामग्री पहुंचाई गई.
राजकीय स्कूलों के शिक्षकों के द्वारा कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए ई सामग्री ऑनलाइन मुहैया करवाई गई. इसके साथ ही विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन साक्षात्कार भी करवाए गए. कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए कार्य पुस्तिका का वितरण भी किया गया. सामुदायिक बाल सभा के माध्यम से 6.5 करोड़ रुपए नकद और 11 करोड़ रुपए की सामग्री के रूप में सहायता मुहैया हुई. गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि समग्र शिक्षा का एक वेब पोर्टल शाला दर्पण तैयार किया गया और आओ चले विद्यालय की ओर तथा वृक्ष मित्र योजना भी चलाई गई. इसके साथ ही स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना, कृषि विषय के स्थान पर कृषि संकाय की स्थापना और इंदिरा प्रियदर्शिनी अवार्ड का भी जिक्र डोटासरा ने किया.