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12वीं राजनीतिक विज्ञान के पेपर में पूछे गए सत्ताधारी दल के 'प्रशंसा प्रश्न' पर शिक्षक संगठनों के अलग-अलग मत

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं के राजनीतिक विज्ञान के पेपर (Questions related to ruling party in 12th exam) में सत्ताधारी दल से जुड़े प्रश्न पूछने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. राजनीतिक रूप से जहां इसमें आरोप-प्रत्यारोप हो रहा है. वहीं शिक्षक संगठनों का भी इस मामले में अलग-अलग मत है.

12th political science paper
12वीं राजनीतिक विज्ञान के पेपर पर शिक्षक संगठन की राय

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Published : Apr 22, 2022, 11:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं के राजनीतिक विज्ञान के पेपर (12th political science paper) में सत्ताधारी दल के प्रशंसा के 6 से 7 प्रश्न पूछा जाना न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. बल्कि शिक्षा जगत में भी विभिन्न शिक्षक संगठनों (teacher organizations on 12th political science paper) का भी अलग-अलग मत है.

12वीं कक्षा के राजनीतिक विज्ञान विषय सिलेबस में 'एक दल के प्रभुत्व का दौर' और 'कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियां और पुनर्स्थापना' दो टॉपिक हैं जो पूरी तरह कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं. इन दो टॉपिक को लेकर परीक्षा प्रश्न पत्र में 7 प्रश्न पूछे गए. जो फिलहाल चर्चा का विषय बने हुए हैं. विपक्ष इसे लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ हमला बोल रही है. इस संबंध में शिक्षक संगठनों का भी अपना अलग अलग मत है.

12वीं राजनीतिक विज्ञान के पेपर पर शिक्षक संगठन की राय

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राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने कहा कि सत्ता बदलने के साथ पाठ्यक्रम में बदलाव करना जिस तरह अनुचित है, उसी तरह परीक्षा में सत्ताधारी दल की प्रशंसा के प्रश्न पूछना भी अनुचित है. 12वीं कक्षा के राजनीतिक विज्ञान के पेपर में सत्ताधारी दल के प्रशंसा के कई प्रश्न एक साथ पूछे गए हैं, जो उचित नहीं है. प्रश्न पत्र बनाने वालों को भी इस तरह के प्रश्न पत्र बनाने से बचना चाहिए और भविष्य में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए. क्योंकि शिक्षक और परीक्षाएं अकादमिक दृष्टि से होने चाहिए. पक्षपात करते हुए प्रश्न पत्र तैयार नहीं करने चाहिए.

वहीं राजस्थान समग्र शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ललित शर्मा ने कहा कि 12वीं के पॉलिटिकल साइंस के पेपर में जो 6 नंबर के प्रश्न पूछे गए हैं, वह सिलेबस का हिस्सा है. क्योंकि सिलेबस में आजादी के बाद के भारत में कांग्रेस की भूमिका का टॉपिक है. प्रश्न पत्र को लेकर जो प्रकरण बनाया जा रहा है, वह शिक्षा के क्षेत्र में नहीं होना चाहिए. पहले भी प्रधानमंत्री की जीवनी पर एक अनसीन पैसेज आ चुका है. ऐसे में शिक्षा को इस तरह के प्रश्नों से दूर रखना चाहिए. ये पूरा मामला पेपर बनाने वाले पर निर्भर करता है कि वो कौन से प्रश्नों का चयन करता है. 12वीं के राजनीतिक विज्ञान के पेपर में राजनीति हुई है या नहीं, ये कहना मुश्किल है. लेकिन इस प्रकरण में फिलहाल शिक्षक संगठनों की राजनीति जरूर शुरू हो गई है.

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12वीं पॉलिटिकल साइंस के पेपर में ये प्रश्न पूछे गए

  • कांग्रेस की सामाजिक एवं विचारधारात्मक गठबंधन के रूप में संक्षिप्त विवेचना कीजिए.
  • 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल कितनी सीटें जीती थीं ?
  • भारत में प्रथम तीन आम चुनावों में किस दल का प्रभुत्व रहा ?
  • कांग्रेस ने 1967 का आम चुनाव किन परिस्थितियों में लड़ा व इसका क्या जनादेश मिला? विवेचना कीजिए.
  • आम चुनाव 1971 कांग्रेस की पुनर्स्थापना का चुनाव साबित हुआ. इस कथन की व्याख्या कीजिए.
  • गरीबी हटाओ का नारा किसने दिया था ?
  • लोकसभा चुनाव 2004 के बाद अनेक महत्त्वपूर्ण मसलों पर अधिकतर दलों के बीच व्यापक सहमति बनी. इनमें से किन्हीं दो की संक्षिप्त विवेचना कीजिए.

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