जयपुर. विधानसभा में मंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान में रेप के मामलों में शीर्ष पर होने के मामलों पर दिए विवादित बयान के बाद शुरू हुआ हंगामा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के दखल के बाद शांत (Kataria resolved the dispute in House) हो सका लेकिन इसके एवज में मंत्री शांति धारीवाल को सदन में दूसरी बार फिर अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी.
दरअसल हंगामे के बीच दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद जब फिर सदन शुरू हुआ तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पहल करते हुए कहा कि जो कुछ सदन में हुआ उसमें सदस्य लोग मंत्री के विवादित बयान की प्रकाशित मीडिया में खबरों की कटिंग लाए थे लेकिन जिस तरह आरएलपी के सदस्यों को विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल से सदन से बाहर निकालने का निर्देश दिया वह घटना भी सही नहीं थी.
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कटारिया ने कहा कि मैं आरएलपी के विधायकों से भी निवेदन करूंगा कि वह अध्यक्ष का निर्णय मानते हुए ना पक्ष लॉबी में जाकर बैठें और अध्यक्ष से भी निवेदन करूंगा कि बड़ा मन रखते हुए इन तीनों सदस्यों को फिर वापस सदन ने बुलाएं.
कटारिया ने रखी शर्त, धारीवाल ने दुबारा मांगी माफी
इस दौरान कटारिया ने सदन में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के समक्ष एक शर्त भी रखी और कहा कि आप ने सदन में जब अपनी गलती और विवादित बयान के लिए माफी मांगी, शोरगुल के कारण हम सुन नहीं पाए. क्योंकि जनता के प्रति हमारा दायित्व बनता है, ऐसे में मंत्री जी सदन में वापस अपने बयान को लेकर जो सफाई और माफी है वह मांगें. धारीवाल के इस बयान के बाद आरएलपी के सदस्य सदन से बाहर चले गए तो वहीं स्पीकर ने उन्हें कुछ मिनट बाद वापस बुला लिया और शांति धारीवाल को अपनी बात कहने के लिए निर्देश दिए.
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मैं महिलाओं का सम्मान करता हूं, स्लिप ऑफ टंग के चलते निकले गलत शब्द-धारीवाल
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में दोबारा अपने बयान के लिए माफी मांगी और यह भी कहा कि वह महिलाओं का सम्मान करते हैं लेकिन उनके मुंह से जो शब्द निकले वह स्लिप ऑफ टंग हुआ, मेरे इन शब्दों से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी चाहता हूं.
मंत्री की इस दोबारा माफी के बाद स्पीकर सीपी जोशी ने गुरुवार को शून्यकाल के सभी स्थगन दूसरे दिन शुक्रवार को लगाए जाने की व्यवस्था की और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और आबकारी विभाग की अनुदान मांगों पर बहस शुरू हुई.