जयपुर. प्रदेश में डेनमार्क के सहयोग से डेयरी क्षेत्र में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शनिवार को डेनमार्क के राजदूत फ्रेड्डी स्वाने की मुख्यमंत्री निवास पर हुई मुलाकात के दौरान इस पर चर्चा की गई. इससे पहले फ्रेड्डी स्वाने ने राज्यपाल कलराज मिश्र से भी राजभवन पहुंच कर मुलाकात की.
डेनमार्क के राजदूत ने सीएम गहलोत से की मुलाकात फ्रेड्डी स्वाने ने कहा कि पशुपालकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए डेयरी विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में डेनमार्क की विशेषज्ञता का लाभ राजस्थान को उपलब्ध कराने की दिशा में पूरा सहयोग दिया जाएगा. इससे पहले जल संरक्षण और जल शुद्धिकरण के क्षेत्र में भी डेनमार्क के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई. बैठक में बताया गया कि उदयपुर के नगरीय क्षेत्र में जल संरक्षण और जल शुद्धिकरण कार्यों में डेनमार्क की कम्पनियों का तकनीकी सहयोग मिल रहा है. जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में राजस्थान और डेनमार्क के बीच सहयोग की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई.
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सीएम अशोक गहलोत ने स्वाने से राजस्थान और डेनमार्क के मध्य कृषि और पशुपालन, खाद्य, ग्रीन टेक्नोलॉजी और वस्त्र उद्योग जैसे क्षेत्रों में सहयोग और निवेश के बारे में चर्चा की. गहलोत ने डेनमार्क के राजदूत को प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से पिछले दो साल में उठाए गए कदमों और लागू की गई नीतियों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना- 2019 के तहत विनिर्माण क्षेत्र और सेवा क्षेत्र में निवेश अनुदान के साथ-साथ कई तरह के करों और शुल्क में छूट के प्रावधान किए गए हैं. उद्यमियों को सभी जरूरी स्वीकृतियां एक ही छत के नीचे मिल सकें, इसके लिए 'वन स्टॉप शॉप' प्रणाली लागू की गई है. उन्होंने डेनमार्क की कम्पनियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया.
इससे पहले डेनमार्क के राजदूत की राज्यपाल से मुलाकात
राज्यपाल कलराज मिश्र से डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान राज्यपाल ने उन्हें भारतीय संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का मढ़ा हुआ चित्र भी भेंट किया.