राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

फलों का राजा 'आम'...तो आया लेकिन खरीददार नहीं, दुकानदारों पर रोजी-रोटी का संकट

लॉकडाउन के दौरान फलों की दुकानें तो खुली हैं, लेकिन फल खरीदने के लिए इक्क-दुक्का ग्राहक ही पहुंच रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि अधिकतर लोग कोरोना के संक्रमण के डर से घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें फायदा नहीं मिल रहा है.

जयपुर फल विक्रेता, लॉकडाउन, कोविड 19, COVID-19
फलों से लोगों की दूरी

By

Published : Apr 23, 2020, 5:35 PM IST

Updated : Apr 23, 2020, 8:51 PM IST

जयपुर. कोरोना के संकट से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन में फलों और सब्जियों की दुकाने खुली हैं. लेकिन गिने-चुने खरीददार ही इन दुकानों तक पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि फलों के राजा आम ने बाजार में दस्तक दे दी है, लेकिन इसके स्वागत के लिए मंडियों में गिने-चुने दुकानदार और दुकानों में इक्का-दुक्का खरीददार ही पहुंच रहे हैं. डर के साए के बीच किस तरह है फलों की दुकानों पर खरीददारी और क्या है इन दुकानदारों की स्थिति, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम फल विक्रेताओं के पास पहुंची.

फलों से लोगों की दूरी

लॉकडाउन के कारण फल विक्रेताओं की दुकानों पर इक्का-दुक्का ही ग्राहक पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में कई दुकानदारों ने जो सालों से एक ही स्थान पर अपनी दुकान लगाए हुए हैं, उन्होंने आसपास के क्षेत्र में रहने वाले अपने ग्राहकों के लिए फोन पर डिमांड आने पर घरों पर फलों की ऑनलाइन डिलीवरी की सुविधा भी दी है.

लोग नहीं खरीद रहे फल

पढ़ें-रियलिटी चेक: अलवर में दुकानों पर कम पहुंच रहा गेहूं, सामने आई ये बात...

नहीं मिल रहा फायदा

दुकानदारों का कहना है कि यह काम इसलिए शुरू किया गया है ताकि जो फल मंडी से खरीद कर बेचने के लिए दुकान पर लाए हैं, कम से कम वो बिक जाए. दुकानदारों का कहना है कि लेकिन इसका भी कुछ खास फायदा नहीं मिल पा रहा है. आलम यह है कि जो फल मंडी से बेचने के लिए दुकानों पर लेकर आए, उनमें से कुछ फल ही बिक पा रही है. अधिकतर फल तो ऐसे ही दुकानों पर रखे हुए हैं.

दुकानदारों पर रोजी-रोटी का संकट

फलों के राजा आम की नहीं देखी ऐसी बेकद्री

गर्मियों के मौसम में फलों का राजा 'आम' आता है, जिसका आम और खास सबको बेसब्री से इंतजार होता है. लेकिन इस बार कोरोना के संकट के बीच फलों के राजा ने बाजार में दस्तक तो दी लेकिन इसका वेलकम करने के लिए खरीददार आगे नहीं आ रहे हैं. यही कारण है कि अभी बाजार में सफेदा आम रिटेल में 120 रुपए किलो तक बिक रहा है, जबकि थोक मंडी में इस आम का भाव करीब 70 से 80 रुपए किलो है.

पढ़ें-लॉकडाउन में कोटा थर्मल के 6 यूनिट 'लॉक', केवल 92 मेगावॉट बिजली का हो रहा उत्पादन

कोरोना के कारण लोग बाहर नहीं निकल रहे

बता दें कि ये आम गुजरात से आता है, लेकिन राजस्थान में इसकी खरीददारी कम होने के कारण जयपुर आने वाले ट्रकों की संख्या भी कम हो गई. रिटेल में फल बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि अधिकतर लोग तो कोरोना के संक्रमण के डर से घरों से बाहर निकलते ही नहीं. उनका कहना है कि जो लोग निकलते भी हैं, तो वह बहुत कम फल खरीद रहे हैं. दुकानदारों का मानना है लॉकडाउन के कारण अधिकतर खरीददारों के आर्थिक स्थिति डामाडोल हो रही है, इसका असर उनकी ग्राहकी पर भी पड़ने लगा है.

मंडी और रिटेल की दुकानों में फलों के भाव

फल रिटेल भाव (प्रति किलो) मंडी भाव (प्रति किलो)
तरबूज 20 रुपए 10-12 रुपए
खरबूज 40-60 रुपए 45 रुपए
अंगूर 120 रुपए 80-90 रुपए
सेब 200 रुपए 100-120 रुपए
पपीता 50-60 रुपए 30-35 रुपए
संतरा 60 रुपए 40-45 रुपए
अनार 100-120 रुपए 70-90 रुपए
केला 30 रुपए 15-20 रुपए
आम 120 रुपए 70-80 रुपए

गर्मियों के मौसम में सर्वाधिक बिकने वाले फलों की लॉकडाउन के दौरान बिक्री नहीं के बराबर हो रही है. दुकानदारों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं, जो बाहर निकल रहे हैं वे बहुत कम फल खरीद रहे हैं. फलों की खरीद कम होने से दुकानदारों पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है.

Last Updated : Apr 23, 2020, 8:51 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details