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प्लाज्मा थेरेपी से CORONA का इलाज करने वाला देश का चौथा राज्य बना राजस्थान, ICMR ने दी 20 मरीजों के उपचार की अनुमति

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Published : May 6, 2020, 6:23 PM IST

Updated : May 6, 2020, 7:06 PM IST

जयपुर का SMS हॉस्पिटल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने वाला देश का चौथा प्रदेश बन गया है. बुधवार से SMS अस्पताल में इसकी औपचारिक शुरुआत कर दी गई है. SMS हॉस्पिटल को आईसीएमआर से 20 क्रिटिकल मरीजों का इस थेरेपी से उपचार करने की अनुमति प्राप्त हुई है.

plasma therapy in rajasthan, कोरोना वायरस, राजस्थान में कोरोना का इलाज
राजस्थान में प्लाज्मा थेरेपी से CORONA का इलाज

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का राजस्थान में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज होगा. जयपुर के SMS हॉस्पिटल में इसकी पहली औपचारिक शुरुआत बुधवार से कर दी गई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से ट्रीटमेंट का औपचारिक शुभारंभ किया.

प्लाज्मा थेरेपी से CORONA का इलाज करने वाला देश का चौथा राज्य बना राजस्थान

SMS हॉस्पिटल को आईसीएमआर से 20 क्रिटिकल मरीजों का इस थेरेपी से उपचार करने की अनुमति प्राप्त हुई है. ड्रग कंट्रोल से भी और अधिक मरीजों के उपचार की अनुमति प्राप्त हो चुकी है. प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने वाला राजस्थान देश का चौथा राज्य है. इससे पहले दिल्ली सहित तीन राज्यों में कोरोना वायरस का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से किया जा रहा है.

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल प्रारंभ कर सफलता प्राप्त की गई और आईसीएमआर की अनुमति प्राप्त होने के बाद बुधवार से इसकी औपचारिक शुरुआत की गई है. उन्होंने कोरोना के उपचार के लिए SMS में किए सफल प्रयोग के लिए डॉक्टर भंडारी और उनकी पूरी टीम को बधाई भी दी है.

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सवाई मानसिंह चिकित्सालय के डॉक्टर्स की टीम ने कोविड-19 मरीजों के लिए विश्व स्तरीय जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई है. इसके अधिक मरीज ठीक भी हो रहे हैं. SMS मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 का सिटी स्कैन, पल्मोनरी, एंजियोग्राफी, लंग की अल्ट्रा सोनोग्राफी और उच्च स्तरीय ब्लड टेस्ट किए जा रहे हैं. इनमें इन्फ्लेमेटरी मार्क और साइटोकाइनेसिस शामिल है.

SMS मेडिकल कॉलेज की टीम ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज में सबसे पहले हाइड्रो क्लोरोकिन को सम्मिलित किया और इलाज में इसके इस्तेमाल के नतीजे सफल रहे. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एंटीवायरस ड्रग्स का सबसे पहले प्रयोग करने से इस बारे में पूरे विश्व में मंथन और ट्रायल शुरू हुआ. उन्होंने इस अभिनव प्रयास के लिए मेडिकल कॉलेज टीम को बधाई दी.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव मेडिकल रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सैंपलिंग, कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट सभी क्षेत्रों में SMS ने शानदार कार्य किया है. प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज समस्त अस्पतालों में भी पूर्व से चिकित्साकर्मी कार्य कर रहे हैं. इस दौरान SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने विस्तार से प्लाज्मा थेरेपी के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि पॉजिटिव से नेगेटिव हुए कोरोना वायरस मरीज का 28 दिन बाद प्लाज्मा लेकर क्रिटिकल कोरोना मरीज का उपचार किया जाएगा. डॉ. सुधीर ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर प्लाज्मा थेरेपी के अत्यंत सकारात्मक परिणाम सामने आए. आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार और मरीज के ब्लड ग्रुप की मैचिंग करने के बाद ही प्लाज्मा थेरेपी प्रारंभ की जाती है.

Last Updated : May 6, 2020, 7:06 PM IST

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