राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Political Congress: सत्ता में होने पर भी कांग्रेस नेताओं को राजनीतिक मुकदमों से राहत नहीं...डोटासरा बोले- सरकार से कर दी है अनुशंसा

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होते हुए भी सत्ताधारी दल के नेता और कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमे अभी तक वापस नहीं लिए गए हैं. साढ़े तीन साल पूर्व भाजपा के शासन काल में विपक्ष में रहते हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज कराए गए थे. हालांकि डोटासरा ने कहा है कि सरकार को उन्होंने गुण-अवगुण देखते हुए मुकदमे वापस लेने की अनुशंसा कर दी है.

case filled against congress leaders at bjp government time
पुराने राजनीतिक मुकदमे से परेशान कांग्रेसी

By

Published : Jun 24, 2022, 8:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार को सत्ता में आए साढ़े 3 साल से ज्यादा समय गुजर चुका है, लेकिन अब भी सत्ताधारी दल के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता ऐसे हैं जो विपक्ष में रहते समय किए गए विरोध-प्रदर्शन के मामलों की सजा झेल रहे हैं. राजनेताओं पर अभी भी कई राजनीतिक मुकदमे दर्ज हैं जो उन पर तात्कालीन भाजपा सरकार के विरोध के दौरान दर्ज कराए गए थे. तीन साल से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है लेकिन उसके बाद भी उनपर लगे मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं.

अब राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा यह कहते नजर आ रहे हैं कि सरकार को उन्होंने गुण-अवगुण देखते हुए मुकदमे वापस लेने की अनुशंसा कर दी है. फिलहाल हकीकत यही है कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक मुकदमे अभी चल रहे हैं. इनमें कई बड़े मंत्री व नेता जैसे अशोक चांदना, एनएसयूआई के पूर्व और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, राजनीतिक नियुक्ति पा चुके सुशील पारीक और पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया आदि शामिल हैं जिनकी सीधी पहुंच सरकार तक है. इसके बाद भी अब तक वह अपने और कार्यकर्ताओं पर लगे मुकदमे वापस करवाने में सफल नहीं हुए हैं.

पुराने राजनीतिक मुकदमे से परेशान कांग्रेसी

पढ़ें.Congress Alleged BJP : राजस्थान में मध्यावधि चुनाव पर जोशी बोले- मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही भाजपा...करारा जवाब मिलेगा

मंत्री चांदना, नीरज कुंदन, सुशील पारीक और राजेंद्र मुंड पर भी राजनीतिक मुकदमे
राजस्थान में विपक्ष में रहते हुए राजनीतिक मुकदमे जिन कांग्रेस नेताओं पर सबसे ज्यादा हुए हैं उनमें यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के नेता और कार्यकर्ता सबसे अधिक हैं. एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश के करीब सौ से डेढ़ सौ नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं. इनमें कुछ खास नाम ढूंढे जाएं तो मंत्री अशोक चांदना, यूथ बोर्ड में उपाध्यक्ष सुशील पारीक, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, एनएसयूआई के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान, एनएसयूआई के राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया, सुमित भगासरा, राजस्थान कांग्रेस के वर्तमान सचिव राजेंद्र मुंड ऐसे नेता हैं जिनका सरकार और संगठन के नेताओं से सीधा हस्तक्षेप है, बावजूद इसके इन नेताओं पर लगे राजनीतिक मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं.

पढ़ें.Horse Trading Case: दो साल पहले दर्ज करवाया था विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुकदमा, पहले ही करनी थी कार्रवाई -महेश जोशी

भाजपाइयों पर लगे राजनीतिक मुकदमे वापस लेने की तैयारी...
बीते साढे़ 3 साल से कांग्रेस सरकार आने के बावजूद कांग्रेसियों पर दर्ज राजनीतिक मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं. दूसरा इस पर भी जले पर नमक छिड़कने का काम यह किया जा रहा है कि उस नोटशीट में भाजपा के कई नेताओं पर दर्ज राजनीतिक मुकदमे वापस लेने की तैयारी भी कांग्रेस सरकार में चल रही है. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता उद्वेलित दिखाई दे रहे हैं कि जिस सरकार को बनाने में उन्होंने यह मुकदमे खाए उनके मुकदमों से पहले भाजपा के मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं.

हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ किया कि भाजपा नेताओं के कोई राजनीतिक मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं, यह कोरी अफवाह है. हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर जो राजनीतिक मुकदमे दर्ज हैं उन्हें वापस लेने के लिए सरकार को प्रदेश कांग्रेस संगठन की ओर से लिखा जा चुका है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details