जयपुर. चाहे सुखाड़िया का सियासी युग हो, या फिर शेखावत का शासनकाल. गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर का ह्रदय स्थल कहे जाने वाली बड़ी चौपड़ अनूठी सियासत की साक्षी बनती है. यहाँ सत्ताधारी और विपक्षी दल परंपरा अनुसार बारी-बारी से झंडारोहण करते हैं.
पहले सत्तापक्ष की ओर से ध्वजारोहण होता है, और उसके ठीक बाद विपक्षी दल के नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात ये है, कि ध्वजारोहण की यह परंपरा सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से पूर्व मुखी होकर निभाई जाती है. जबकि, विपक्ष दक्षिण मुखी होकर इस परंपरा का निर्वहन करता है.
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राजस्थान में हमेशा से प्रमुख रूप से दो ही दल चर्चा में रहे हैं, पहली कांग्रेस और दूसरी बीजेपी. फिलहाल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता का सुख भोग रही है, और बीजेपी विपक्ष में है. जानकारों की मानें, तो सबसे पहले टीकाराम पालीवाल ने बड़ी चौपड़ पर ध्वजारोहण करके इस परंपरा की शुरूआत की थी.