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अग्निशमन उपायों के बिना नहीं होंगे कोचिंग संचालित, विधानसभा वार कोचिंग हब पर भी चर्चा

सूरत अग्निकांड और हाईकोर्ट से मिले निर्देशों के बाद प्रशासन अब सख्त हो गया है. बिना फायर इक्विपमेंट के संचालित कोचिंग इंस्टिट्यूट को लेकर नगरीय विकास विभाग सील करने की तैयारी में है. कोचिंग संचालकों के प्रतिनिधि मंडल ने यूडीएच प्रमुख सचिव से वार्ता की लेकिन उनको दो टूक जवाब मिला.

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Published : Aug 27, 2019, 8:12 PM IST

जयपुर. बिना फायर इक्विपमेंट के संचालित कोचिंग इंस्टिट्यूट को लेकर नगरीय विकास विभाग सख्ती बरते हुए है. मंगलवार को यूडीएच प्रमुख सचिव भास्कर ए सावंत, जेडीए और नगर निगम के अधिकारियों के साथ कोचिंग संचालकों के प्रतिनिधि मंडल ने वार्ता की. जिसमें प्रत्येक कोचिंग सेंटर पर अग्निसुरक्षा और आपदा प्रबंधन के उपाय होने पर सहमति बनी. साथ ही कोचिंग संचालकों की ओर से विधानसभा वार कोचिंग हब बनाए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया.

अग्निशमन उपायों के बिना नहीं होंगे कोचिंग संचालि

प्रदेश में 200 से ज्यादा कोचिंग सेंटर है. जहां 3 लाख बच्चें हर दिन शिक्षा ग्रहण करते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इनमें से 1 फ़ीसदी कोचिंग सेंटर भी नगर पालिका और प्राधिकरण के नियमों पर खरे नहीं उतरते. हालांकि सूरत अग्निकांड और हाईकोर्ट से मिले निर्देशों के बाद प्रशासन अब सख्त जरूर हो गया है. बीते दिनों 115 कोचिंग संस्थानों को जेडीए की ओर से नोटिस दिए गए. जिसके बाद कोचिंग संचालकों ने पहले अपनी बात जेडीए प्रशासन और यूडीएच प्रमुख सचिव के सामने रखी. लेकिन यहां उन्हें दो टूक जवाब मिला.

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भास्कर ए सावंत ने अग्निशमन उपाय और आपदा प्रबंधन के उपाय को लेकर निर्देशित किया गया. जिस पर कोचिंग संचालकों ने भी सहयोग करने का वादा किया. इस दौरान कोचिंग संचालकों ने प्रशासन के सामने प्रदेश के दो लाख प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार से जुड़े लोगों की दलील पेश करते हुए व्यवस्था करने के लिए 1 महीने का समय मांगा. जिस पर सहमति भी बनी. वहीं कोचिंग संचालकों ने विधानसभा वार कोचिंग हब बनाए जाने का प्रस्ताव भी प्रशासन के सामने रखा.

बहरहाल, ये बात तो है कि प्रशासन के इस सख्त रवैए से कोचिंग संचालक व्यवस्थाओं को दुरुस्त जरूर करेंगे और यदि 1 महीने में ऐसा नहीं होता है, तो फिर प्रशासन इनको सील करने की कार्रवाई से भी नहीं झिझकेगा.

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