जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मार्च माह में ही भीषण गर्मी को देखते हुए अगले तीन माह में पेयजल आपूर्ति की मांग बढ़ेगी. इसे देखते हुए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग और सभी जिला कलेक्टर प्रदेश में सुचारू जलापूर्ति के लिए उपलब्ध जल संसाधनों का व्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि पीएचईडी, बिजली एवं पुलिस प्रशासन सभी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि पेयजल आपूर्ति की समस्या गम्भीर नहीं हो एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहे.
कंटीजेंसी प्लान तैयार हो:सीएम गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा (Water supply management review for summer season) की. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर पेयजल व्यवस्था के लिए कंटीजेंसी प्लान के तहत आवश्यक स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी करें और हैण्डपंप और नलकूप मरम्मत के कार्यों को अभियान के रूप में पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि कहीं भी पेयजल संकट की स्थिति बनने पर व्यवस्थाएं सुचारू रहें. जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें.
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उन्होंने पेयजल संबंधी शिकायतों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में पेयजल की कमी है, वहां लोगों को पेयजल आपूर्ति के बारे में अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई जाए. लोगों को इसके बारे में जागरूक भी किया जाए, ताकि व्यवस्थाएं सुचारू रहें. नहरबन्दी के दौरान प्रभावित जिलों में पेयजल स्टोरेज की समुचित व्यवस्था रखी जाए और पानी चोरी रोकने के इंतजाम किए जाएं.
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181 पर शिकायत करने से होगी पेयजल आपूर्ति : मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जलदाय विभाग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए सुदृढ़ तंत्र स्थापित करे. इसके साथ ही, जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए और खण्ड, वृत्त एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के स्तर पर भी कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं. हैल्पलाइन 181 तथा अन्य माध्यमों से प्राप्त पेयजल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों का तत्काल प्रभाव से निस्तारण सुनिश्चित करें.
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संविदाकर्मियों की स्वीकृति: मुख्यमंत्री ने अप्रैल से अगस्त माह तक पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचईडी को 421 किराए के वाहन लेने और 2500 संविदाकर्मियों रखने की स्वीकृति दे दी. उन्होंने प्रदेश में जलापूर्ति की प्रभावी व्यवस्था के लिए बजट में की गई घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने बीकानेर और जोधपुर के संभागीय आयुक्तों, अजमेर, दौसा, जोधपुर, सिरोही, पाली एवं जयपुर के कलेक्टर से बातचीत कर वहां पेयजल आपूर्ति के लिए किए गए उपायों के साथ कंटींजेन्सी प्लान के तहत दी गई स्वीकृतियों के बारे में जानकारी ली. उन्होंने नहरबन्दी से प्रभावित जिलों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए.