जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निशाने पर रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Cm gehlot target vasundhara) के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी रहे. गहलोत ने ईआरसीपी की बैठक में वसुंधरा राजे के नहीं आने पर कहा कि उनके नहीं आने का कारण समझ नहीं आता या तो राजे डर गई या हाईकमान का डंडा पड़ा होगा. वही संत विजय दास के आत्मदाह को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से बनाई गई कमेटी पर भी गहलोत ने सवाल खड़े किए.
रविवार को एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि ईआरसीपी कि सर्वदलीय बैठक में वसुंधरा राजे आ रही थी, लेकिन आज मैसेज आया कि वो नहीं आ रही. गहलोत ने कहा हम इस पर रिसर्च कर रहे हैं कि ऐसा क्या कारण रहा कि कल तो वे सर्वदलीय बैठक ज्वाइन करने की बात कह रही थी, लेकिन आज नहीं आ रही. गहलोत ने कहा राजे के नहीं आने का कारण भी समझ नहीं आ रहा.
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राष्ट्रपति चुनाव में 8 से 10 वोट बाहर जा सकते थे लेकिन हम रहे एकजुटःपत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार निर्दलीय, सीपीएम, बीएसपी और बीटीपी के विधायकों के कारण बची है. जिस तरह उन्होंने साथ दिया उसे हम भुला नहीं सकते. गहलोत ने कहा अब टेस्ट हो चुका है और राज्यसभा चुनाव में भी 126 वोट पड़े हैं. मुख्यमंत्री ने कहा अभी राष्ट्रपति चुनाव हुआ हमारे दो विधायक बीमार थे, जिन्होंने वोट नहीं दिया और दो वोट बाहर चले गए.
गहलोत ने यह कहकर चौंका दिया कि हमें आशंका थी कि इससे ज्यादा वोट बाहर जा सकते हैं, क्योंकि मुद्दा ही ऐसा था. गहलोत के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में हार जीत की बात ही नहीं थी, विचारधारा की लड़ाई थी और सबको मालूम था कि राष्ट्रपति कौन बन रहा है?. फिर भी दो ही वोट बाहर गए और हम सब एकजुट रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि सरकार को रिपीट करने के बहुत सारे फायदे होते हैं लेकिन जनता माई बाप होती है. हमारी सरकार रिपीट नहीं की तो आज रिफाइनरी का 40 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट अब 70 हजार करोड़ का हो गया है. वहीं ईआरसीपी योजना 'वसुंधराजी' की बनाई हुई योजना है. लेकिन हमने सरकार बनते ही 1 दिन भी उसे नहीं रोका बल्कि काम को आगे बढ़ाया.
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धर्म का नाम आते ही बीजेपी वाले चैंपियन बन जाते हैंःमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अवैध खनन मामले में संत विजय दास के आत्मदाह मामले को दुखद बताया लेकिन इस दौरान वे भाजपा पर भी जमकर बरसे. गहलोत ने कहा कि धर्म का नाम आते ही बीजेपी वाले चैंपियन बन जाते हैं. गहलोत के अनुसार संत विजय दास ने आत्महत्या क्यों की यह जांच का विषय है. लेकिन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कमेटी बना दी और कहते हैं की अवैध खनन है लेकिन इन्हें नहीं पता कि जो पहाड़ है वहां कई सालों से लीगल माइनिंग हो रही है. लेकिन ये नहीं पता कि वह पहाड़ धार्मिक आस्था का केंद्र है. इसलिए वहां माइनिंग का विरोध हो रहा था. लेकिन यही खनन पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी हो रही थी, जिस पर हमने रोक लगा दी है.