जयपुर.सीएम अशोक गहलोत ने 22 अप्रैल बुधवार को प्रेस मीट में वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने गेहूं आबंटन और अन्य विषयों को लेकर चर्चा की. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी से उपजी संकट की इस घड़ी में किसी व्यक्ति को भूखा नहीं सोना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार एफसीआई से बाजार दर पर गेहूं खरीदकर खाद्य सुरक्षा से वंचित प्रदेश के 54 लाख पात्र लोगों और निराश्रित व्यक्तियों समेत करीब 60 लाख जरूरतमंदों को दस-दस किलो निःशुल्क गेहूं उपलब्ध कराएगी.
सीएम ने कहा कि वर्तमान में केन्द्र सरकार वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर ही राज्य को गेहूं का आवंटन कर रही है. जबकि बीते सालों में खाद्य सुरक्षा की पात्रता के दायरे में 54 लाख लोग और आ गए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि इन लोगों को एनएफएसए की सूची में शामिल कर अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा है.
प्रवासी राजस्थानियों को घर पहुंचाने की पुरजोर मांग करेंगे
गहलोत ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीडियाकर्मियों के वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री की 27 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस प्रस्तावित है. केन्द्र अन्य राज्यों में फंसे राजस्थान के प्रवासी कामगारों, श्रमिकों, छोटे दुकानदारों को घर आने की छूट दें. प्रधानमंत्री से बातचीत में हम इसकी पुरजोर मांग करेंगे.
नियमों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण तंबाकू, गुटखा और शराब बेचने पर पाबंदी है. अगर कोई बेचता पाया गया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसी तरह सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, मास्क नहीं लगाने, धारा 144 के उल्लंघन आदि पर भी आर्थिक दंड लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार लॉकडाउन का उल्लंघन किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी.
जीवन बचाने में जाति-धर्म मायने नहीं रखता
गहलोत ने कहा कि कुछ शरारती लोग लॉकडाउन और कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में किसी समुदाय विशेष को छूट दिए जाने की अफवाहें और झूठ फैला रहे हैं. ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि जब लोगों की जिन्दगी दांव पर लगी है तो सरकार के लिए जाति-धर्म मायने नहीं रखता है. हमारा एक ही लक्ष्य है कैसे प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा की जाए. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि किसी भी वर्ग का व्यक्ति क्यों नहीं हो, अगर वह नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे बख्शा नहीं जाए.
औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू होना शुभ संकेत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू होने के बाद औद्योगिक इकाइयों को सुनियोजित ढंग से शुरू किए जाने के प्रयास किए हैं. जिसके चलते हमारी उम्मीद से अधिक औद्योगिक इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है. इनमें कई बड़ी इकाइयां भी शामिल हैं. यह एक शुभ संकेत है. उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा, उदयपुर, अलवर, जोधपुर, अजमेर, भरतपुर, कोटा समेत प्रदेश के कई जिलों में औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ हुई हैं. भीलवाड़ा में करीब 40 इकाइयां और उदयपुर में 50 इकाइयों ने काम शुरू किया है. जिनमें करीब 13 हजार श्रमिक नियोजित हुए हैं. हिंदुस्तान जिंक, जिंदल शॉ, अल्ट्रा टेक, हीरो मोटोकॉर्प, केईआई लिमिटेड, डाइकिन सहित कई बड़ी कम्पनियों ने अपनी गतिविधियां प्रारम्भ कर दी हैं.
करीब चार हजार पाक विस्थापितों को सहायता
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने जरूरतमंद पाक विस्थापितों को भी राशन सामग्री और अन्य सहायता उपलब्ध करवाई है. जयपुर, जोधपुर, पाली, जालौर, सिरोही, बाडमेर, जैसलमेर समेत प्रदेश में रह रहे पाक विस्थापितों को राशन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए जिला कलक्टरों को निर्देश दिए थे. करीब 4 हजार पाक विस्थापित परिवारों को राशन सामग्री मुहैया कराई गई है.
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें. सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस वार्ता का संचालन किया.