जयपुर. कोरोना संक्रमण में राजस्थान पहले नंबर पर रहा है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने भी राजस्थान में कोरोना के दौरान की गई व्यवस्थाओं और वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन जो प्रबंधन है, उसकी सराहना की है. डब्ल्यूएचओ की ओर से गहलोत सरकार के प्रबंधन की तारीफ के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश वासियों और कोरोना फ्रंट वॉरियर्स को इसका श्रेय दिया है. सीएम गहलोत ने पेट्रोल डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी पर भी केंद्र सरकार आड़े हाथों लिया है.
सीएम गहलोत ने जनता और कोरोना फ्रंट वॉरियर्स को दिया कोरोना प्रबंधन का श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरह से कोरोना के दौरान लोगों ने साथ दिया. सभी संस्थाओं, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों और आम जनता ने सभी ने मिलकर साथ दिया और मैनेजमेंट अच्छा रहा है. अगर आज वैक्सीन की डिस्ट्रीब्यूशन के समय डब्ल्यूएचओ अगर तारीफ करता है तो यह अपने आप में एक बड़ी बात है. राजस्थान कोरोना के दौरान सभी पैरामीटर पर खरा उतरा है. देश के अंदर एक अच्छा प्रबंधन रहा है, जिसकी वजह से हमारी तारीफ हो रही है और इसको लेकर भी मुझे खुशी है. सीएम गहलोत ने कहा कि इस चीज का सबसे बडा योगदान प्रदेश की जनता और कोरोना वॉरियर्स को जाता है.
पेट्रोल डीजल पर केंद्र पर निशाना
इसके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में जिस तरीके से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, वह चिंता की बात है. सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार बताना नहीं चाहती की क्या स्थिति आ गई थी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे दामों में कमी के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, कांग्रेस सरकार के पेट्रोल के दाम थे. उस उस वक्त 60-65 रुपये प्रति लीटर पर आ गए थे. उस वक्त कच्चे तेल की कीमत 40 प्रति बैरल थी, लेकिन आज जब कच्चे तेल की कीमतें 40-45 प्रति बैरल आ चुकी हैं तो फिर पेट्रोल डीजल के दाम हर दिन क्यों बढ़ाए जा रहे हैं. यह समस्या है, राज्यों को दोष देना बहुत आसान है, लेकिन ये बकवास है. केंद्र सरकार अपनी इनकम बढ़ाने के लिए तो एक्साइज बढ़ा रही है.
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सीएम गहलोत ने कहा कि देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है. जीडीपी माइनस में जाने में है. हालात बड़े गंभीर हैं. बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है. बेरोजगार अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और उनमें लाखों-करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. केंद्र सरकार इस बात पर काम नहीं कर रही है कि कैसे तो बेरोजगार को रोजगार मिले, इसकी ओर केंद्र सरकार का कोई ध्यान नहीं है.