जयपुर.सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देवस्थान विभाग की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा प्रदेशवासियों के दुख-दर्द में साथ खड़ी है. हमारी भावना है कि संकट के इस समय में लोगों की तकलीफ को दूर कर उन्हें अधिक से अधिक राहत पहुंचाये और इस काम में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.
अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य सरकार ने संवेदनशील निर्णय करते हुए अस्थि विसर्जन के लिए निशुल्क मोक्ष कलश स्पेशल बस जैसी मानवीय योजना शुरू की. इससे संकट के इस समय में जरूरतमंद लोगों को अपने परिजनों की अस्थि विसर्जन के धार्मिक एवं पारिवारिक दायित्व के निर्वहन में सुविधा मिली. लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अनलॉक के बाद भी देवस्थान विभाग के माध्यम से इस योजना को जारी रखा है.
पढे़ं:देश के 736 बांधों पर सरकार का बड़ा फैसला, रिहैबिलिटेशन एंड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 2013 में ही उनकी पिछली सरकार के समय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना जैसी पहल की गई थी. उस समय एक ही साल में 41 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के तीर्थयात्रा के सपने को पूरा किया गया था. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना के बाद की परिस्थितियों के अनुरूप देवस्थान विभाग अधिक से अधिक वरिष्ठजनों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इस योजना का विस्तार करे. इसमें सभी धर्मों के अन्य प्रमुख तीर्थस्थल जोड़े जाएं तथा इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को कोई तकलीफ न हो.
गहलोत ने कैलाश मानसरोवर-सिंधु दर्शन योजना सहित विभाग की अन्य योजनाओं को अभी तक के अनुभवों के आधार पर पुनर्गठित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन भी मंदिरों के जीर्णोद्धार तथा विकास के काम चल रहे हैं, उन्हें देवस्थान विभाग निर्धारित समयावधि में पूरा करे. मुख्यमंत्री ने विभाग की बजट घोषणाओं की प्रगति की भी समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न न्यायालयों में लम्बित विभाग से सम्बन्धित प्रकरणों को जल्द निस्तारित करवाने के प्रयास करें.
बैठक में देवस्थान विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि विभाग की राज्य के बाहर बनी धर्मशालाओं में बीपीएल कार्डधारकों के लिए निशुल्क ठहरने की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है. प्रदेश के करीब 80 मंदिरों में 86 करोड़ रूपए के विकास एवं जीर्णोद्धार कार्य प्रगति पर हैं, जिन्हें दिसम्बर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा. इस दौरान देवस्थान राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.