जयपुर.सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों से कहा कि राजस्थान मेंं आधिकाधिक नरेगा श्रमिकों को उनकी मांग के अनुसार काम उपलब्ध कराया जाए. साथ ही किसी भी नरेगा श्रमिक को काम देने तथा मजदूरी का भुगतान करने में देरी नहीं होनी चाहिए.
नरेगा श्रमिक को प्रपत्र-6 की रसीद दिया जाना सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि, महात्मा गांधी नरेगा के तहत श्रमिक द्वारा काम मांगने पर उसे पंचायत स्तर पर निर्धारित प्रपत्र-6 में रसीद दिया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आवश्यकतानुसार काम पर लगाया जा सके. पंचायत स्तर पर रोजगार सहायक, ग्राम विकास अधिकारी अथवा सरपंच द्वारा रसीद नहीं देने की स्थिति में खण्ड विकास अधिकारी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अथवा जिला कलेक्टर के स्तर पर रसीद दिया जाना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि इस काम में सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा सिविल सोसायटी के सदस्यों की मदद भी ली जा सकती है.
महिला स्वयं सहायता समूहों का बाजार से जुड़ाव बढ़ाएं
गहलोत ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं के लिए राजीविका द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा तैयार विभिन्न हथकरघा उत्पादों आदि की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध करवाए जाने की व्यवस्था करें. उन्होंने इस काम में आ रही व्यावहारिक परेशानियों को दूर करने के लिए विशेष प्रयास करने तथा सफल स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों से दूसरे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाने पर जोर दिया.
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नरेगा के तहत कुल 37 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज रोहित कुमार सिंह ने बताया कि, राज्य में वर्ष 2020-21 महात्मा गांधी नरेगा के तहत कुल 37 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है, जो देश में सर्वाधिक है. अभी तक 27.12 करोड़ मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के राजस्थान लौटने के बाद प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 54 लाख मजदूर नरेगा में काम कर रहे थे.मुख्यमंत्री ने कहा कि, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत उपलब्ध विधायक कोष के लिए ऐसे दिशा निर्देश जारी किया जाए कि विधायकों द्वारा प्रस्तावित कार्यों के लिए शीघ्र स्वीकृतियां जारी की जा सके.
पंचायत सहायकों के 8 माह के मानदेय की राशि पंचायतों को हस्तांतरित
बैठक में बताया गया कि, पंचायत सहायकों के माह अप्रैल-2020 से नवम्बर-2020 के 8 माह के मानदेय भुगतान के लिए राशि राज्य वित्त आयोग से पंचायतों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है. बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित विभिन्न केन्द्र परिवर्तित योजनाओं, राज्य सरकार की प्रगतिरत योजनाओं आदि पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया. अधिकारियों ने विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति से भी अवगत कराया.