जयपुर.प्रदेश में मचे सियासी घमासान का पटाक्षेप तो आगामी विधानसभा सत्र के दौरान ही होगा, लेकिन उससे पहले सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कोरोना काल है, लिहाजा आरोप-प्रत्यारोप भी वर्चुअल और सोशल मीडिया के जरिए ही लगाए जा रहे हैं. खासतौर पर जैसलमेर में होटल में प्रदेश सरकार और कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी पर भाजपा ने ट्विटर पर हल्ला बोलते हुए 'बाड़े में सरकार' अभियान छेड़ा. लेकिन अभियान से ज्यादा चर्चा अभियान से बनी वसुंधरा राजे की दूरी की रही.
उनके और उनके गुट से जुड़े कई लाेगाें ने इस अभियान से दूरी बनाए रखी. हालांकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जल्द स्वस्थ हाेने और लंबी आयु के लिए ट्वीट किया. राजे रविवार रात 8 बजे तक चार ट्वीट किए थे. इनमें से बाड़ेबंदी के खिलाफ एक भी नहीं था. वसुंधरा राजे की राज्यसभा चुनाव से लेकर गहलोत-पायलट घटनाक्रम पर चुप्पी पहले से ही चर्चा में है.
दरअसल, जैसलमेर के होटल में प्रदेश सरकार के मंत्री कांग्रेस विधायकों के साथ निर्दलीय व अन्य विधायकों को 13 अगस्त तक बाड़ेबंदी में रखा गया है. 14 अगस्त को सभी जयपुर विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए ही आएंगे. ऐसे में भाजपा ने ट्विटर पर अभियान छोड़कर सरकार को घेरने का काम किया. रविवार को दिनभर 'बाड़े में सरकार' ट्विटर पर ट्रेंड होता रहा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सहित केंद्र के मंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ नेता भी इस में जुड़े और ट्विटर पर सरकार को घेरते रहे. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री इस अभियान से भी दूरी ही बनाए रखी. अब यही दूरी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है.