जयपुर. सरकारी बेड़े में लंबे समय से खड़ा अगस्ता हेलीकॉप्टर (Rajasthan Agusta Helicopter) सरकार के सिर का बोझ बन गया है. यह हेलीकॉप्टर न तो काम आ रहा है और न ही बेचान हो रहा है. 12 बार बोली लगाने पर भी उसको खरीदार नहीं मिल रहा है. सरकार एक बार फिर कीमत में कमी कर अपने दो विमान किंग एयर सी-90 और सी किंग बी-200 के साथ अगस्ता हेलीकॉप्टर को नीलामी (Auction of Rajasthan Agusta Helicopter) के माध्यम से बेचेगी.
दरअसल, पिछले दिनों मुख्य सचिव निरजंन आर्य की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस बात को लेकर सहमति बनी थी कि 12 बार से ज्यादा निविदा निकालने और बार-बार कम कीमत करने के बावजूद बेचान नहीं हो रहे अगस्ता हेलीकॉप्टर के साथ वायुयान किंग एअर सी-90 और सी किंग बी-200 को भी नीलामी (Auction of Rajasthan Agusta Helicopter) के माध्यम से बेचा जाए. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने 13 जनवरी को ई-ओपन नोटिस जारी किया था, जिसकी नीलामी 17 फरवरी को होगी.
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12 बार बेचने का प्रयास
स्टेट हैंगर के नागरिक उड्डयन निदेशालय में एडब्ल्यु-109 ई पावर हेलीकॉप्टर की नीलामी के लिए सरकार ने कीमत रिजर्व रखी है. पिछले महीने 6 अप्रैल को नीलामी में कोई खरीदार नहीं आया था. सरकार ने एक बार फिर तारीख बढ़ाते हुए नीलामी आमंत्रित की. पिछले 7 वर्षों में इस हेलीकॉप्टर को 12 बार बेचने का प्रयास किया गया, लेकिन यह नहीं बिक पाया.
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7 वर्ष पहले इसके 18 करोड़ रुपए मिल रहे थे, लेकिन नौकरशाही के अड़ंगे के कारण तब नहीं बेचा गया. इसके बाद 14 करोड़ में नीलामी रखी गई, फिर 12 करोड़ 40 लाख और इसके बाद 11 करोड़ में हेलीकॉप्टर बेचने की कोशिश कई बार हुई, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. यहां तक कि साढ़े 4 करोड़ में बेचने को लेकर प्रयास किया जो सफल नहीं हुआ.
वसुंधरा सरकार ने खरीदा था 30 करोड़ में
पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार (Vasundhara Government) ने वर्ष 2005 में हेलीकॉप्टर को 30 करोड़ रुपये में खरीदा था. 2011 में यह हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था. तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को ले जाते वक्त चूरू में इसके रोटर ब्लेड्स में खराबी आ गई थी. इसके बाद से ही सरकार ने इसे उड़ान से हटा लिया था. तभी से यह स्टेट हैंगर पर खड़ा है. इसके रिपेयर और मेंटेनेंस पर सरकार हर साल 2 लाख रुपए खर्च करती है.