जयपुर. शासन सचिवालय जहां प्रदेश के स्तर पर लागू होने वाले नियम कानून बनते है. यहां छोटे से लेकर बड़े साहब और मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक के दफ्तर हैं. शासन सचिवालय में करीब साढ़े तीन हजार से भी ज्यादा कर्मचारी काम करते है. लेकिन इसके बावजूद कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाही बरती गई थी.
हालात ये हो गए कि, 6 से अधिक कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए. वहीं, जब कोरोना के मामले बढ़ने लगे तो सचिवालय प्रशासन ने कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों को लेकर गंभीरता दिखाई. सचिवालय के मुख्य द्वार से लेकर सभी मुख्य भवनों के बाहर सैनिटाइजर के साथ-साथ हाथ धोने के लिए पानी की टंकियां लगाई गई.
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जिससे सचिवालय में प्रवेश करने वाले अच्छे से अपने हाथ धोकर और सैनिटाइज कर के ही अंदर आए. खास तौर पर मंत्री और अधिकारियों की मीटिंग्स में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क को अनिवार्य कर दिया. जिसकी अब सख्ती से पालना हो रही है.
साढ़े तीन हजार से अधिक है कर्मचारी
सचिवालय में साढ़े तीन हजार से अधिक कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं. जबकि इतनी ही संख्या में बाहरी व्यक्ति हर दिन काम कराने को लेकर सचिवालय पहुंचते हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले चार महीने से सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही पर रोक लगा हुआ है. वर्तमान में सिर्फ यहां नियमित काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी ही आते हैं.
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6 से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमित
सचिवालय में काम करने वाले 6 से अधिक कर्मचारी पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं. यहां तक कि कोरोना को लेकर प्रदेश स्तर पर बने वॉर रूम में भी दो कमर्चारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं.
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कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में सचिवालय प्रशासन की ओर लापरवाही बरती गई थी. स्वागत गेट पर ना सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा गया और ना मास्क पहने को लेकर सख्ती बरती गई. इतना ही नहीं सचिवालय परिसर में ना हाथ धोने के लिए पानी की टंकियां लगाई गई थी और ना सैनिटाइजर की व्यवस्था थी. इसके बाद ईटीवी भारत ने अपने रियलटी चेक की खबरों में सचिवालय में बरती जा रही लापरवाही की खबर प्रमुखता से दिखाई थी.