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Special: अंगदान महादान का सपना हो रहा साकार, राजस्थान में 33 % ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक Organ donation को लेकर हुए जागरुक - organ donation mandatory in driving license in Rajasthan

देश में सालाना 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं. वहीं राजस्थान में सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार है. ऐसे में परिवहन विभाग ने सड़क हादसों में मृत लोगों का आसानी से ऑर्गन डोनेशन हो सके, इसके लिए सकरात्मक पहल की है. जिसके बाद राजस्थान ड्राइविंग लाइसेंस में ऑर्गन डोनेशन का ऑप्शन अनिवार्य करने वाला पहला राज्य बन गया है. जिसके बाद लोगों में ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरुक्ता देखी जा रही है.

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ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक Organ donation को लेकर हुए जागरुक

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Published : Feb 18, 2021, 2:32 PM IST

जयपुर.अंगदान को महादान कहा गया है. एक अंगदान से कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है. हर साल 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं. अगर समय रहते वो ऑर्गन डोनेट करे तो कम से कम 7 जिंदगियां बच सकती है. अब ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग भी आगे आया है. जिसके बाद राजस्थान पहला राज्य बन गया, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ऑर्गन डोनेशन का ऑप्शन भरना अनिवार्य होगा.

ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक Organ donation को लेकर हुए जागरुक

देश भर में हर साल सड़क हादसों में लाखों लोग की जान चली जाती है. ऐसे में यदि वह सभी लोग अपनी मृत्यु के बाद यदि ऑर्गन डोनेट कर दे तो देश भर में लाखों लोगों की जान बचाई जा सकेगी. सरकारी आंकड़ों की मानें तो देश भर में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं. इनमें से राजस्थान की बात की जाए तो राजस्थान में भी हर साल करीब 10 हजार लोग औसतन सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं. उनके सड़क हादसों के चलते मृत्यु भी हो जाती है लेकिन अब परिवहन विभाग की ओर से की गई नई कवायद काफी सफल हो रही है.

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अंगदान को लेकर आई 33 % तक की बढ़ोतरी

ड्राइविंग लाइसेंस में डोनर ऑप्शन मेंशन अनिवार्य करने वाला राजस्थान पहला राज्य

परिवहन विभाग की ओर से अंग दान महादान की परिकल्पना को धरातल पर लाने के लिए लाइसेंस आवेदकों के लिए यह पहल की गई थी. 4 महीने पहले तक यदि कोई व्यक्ति लाइसेंस बनवाने जाता था तो वह अंगदान के सवाल को लेकर स्किप कर सकता था लेकिन परिवहन आयुक्त रवि जैन की ओर से इस सवाल को जरूरी कर दिया. ऐसे में अब लाइसेंस आवेदकों को इस सवाल का जवाब देना अनिवार्य होता है. वहीं परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जहां इसको जरूरी करने से पहले अंगदान को लेकर आमजन 2.5 % तक ही जागरूक थे. अब जागरूकता बढ़कर 33% तक पहुंच गई है.

सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को लिखा जाएगा पत्र

परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि यह एक बहुत अच्छी प्रक्रिया है. राजस्थान से इस प्रक्रिया को लेकर काफी लोग ऑर्गन डोनेशन को लेकर अपनी इच्छा व्यक्त कर रहे हैं. वही इस संबंध में परिवहन आयुक्त रवि जैन भारत सरकार को भी पत्र लिखेंगे. जिसमें उनके ओर से मांग की जाएगी कि सरकार इसे देश के हर आरटीओ ऑफिस में लागू करें. जिससे सड़क दुर्घटनाओं में आने वाली कमी को रोका जा सकेगा और एक व्यक्ति के ऑर्गन डोनेट करने से करीब 7 लोगों की जान बचाई जा सकेगी, जो कि एक सराहनीय पहल है. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि इस प्रक्रिया को लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य भी है.

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ऑर्गन डोनर की पहचान

परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जो भी व्यक्ति लाइसेंस के डॉक्यूमेंट में ऑर्गन डोनेशन के लिए पूछे गए सवाल को हां करेगा, उसके बाद ही लाइसेंस पर ऑर्गन डोनर लिखा जाएगा. ऐसे में यदि उस व्यक्ति की सड़क हादसे के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके लाइसेंस से जान सकेंगे कि वह ऑर्गन डोनर है, या नहीं. अगर वो ऑर्गन डोनेशन उस व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में ले जाकर उसके अंग को डोनेट किया जा सकेगा. ऐसे में एक व्यक्ति की वजह से कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी.

राजस्थान में सालाना 10000 लोग गंवाते हैं अपनी जान

साल सड़क दुर्घटना हादसों में मौत का आंकड़ा
2017 22112 10444
2018 21742 10323
2019 30468 10561
2020 22964 9250

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