जयपुर.अंगदान को महादान कहा गया है. एक अंगदान से कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है. हर साल 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं. अगर समय रहते वो ऑर्गन डोनेट करे तो कम से कम 7 जिंदगियां बच सकती है. अब ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग भी आगे आया है. जिसके बाद राजस्थान पहला राज्य बन गया, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ऑर्गन डोनेशन का ऑप्शन भरना अनिवार्य होगा.
देश भर में हर साल सड़क हादसों में लाखों लोग की जान चली जाती है. ऐसे में यदि वह सभी लोग अपनी मृत्यु के बाद यदि ऑर्गन डोनेट कर दे तो देश भर में लाखों लोगों की जान बचाई जा सकेगी. सरकारी आंकड़ों की मानें तो देश भर में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं. इनमें से राजस्थान की बात की जाए तो राजस्थान में भी हर साल करीब 10 हजार लोग औसतन सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं. उनके सड़क हादसों के चलते मृत्यु भी हो जाती है लेकिन अब परिवहन विभाग की ओर से की गई नई कवायद काफी सफल हो रही है.
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अंगदान को लेकर आई 33 % तक की बढ़ोतरी
परिवहन विभाग की ओर से अंग दान महादान की परिकल्पना को धरातल पर लाने के लिए लाइसेंस आवेदकों के लिए यह पहल की गई थी. 4 महीने पहले तक यदि कोई व्यक्ति लाइसेंस बनवाने जाता था तो वह अंगदान के सवाल को लेकर स्किप कर सकता था लेकिन परिवहन आयुक्त रवि जैन की ओर से इस सवाल को जरूरी कर दिया. ऐसे में अब लाइसेंस आवेदकों को इस सवाल का जवाब देना अनिवार्य होता है. वहीं परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जहां इसको जरूरी करने से पहले अंगदान को लेकर आमजन 2.5 % तक ही जागरूक थे. अब जागरूकता बढ़कर 33% तक पहुंच गई है.