जयपुर.सर्दी, गर्मी और बरसात के मौसम में बेजुबान परिंदों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. ऐसे में बेजुबानों की इस तकलीफ को समझते हुए पथ रक्षक एनजीओ ने पक्षी आवास योजना शुरू की है. गुरुवार शाम को पथ रक्षक एनजीओ की ओर से जयपुर एसीबी मुख्यालय में 108 पक्षी घर (घोंसले) लगाए गए (Birdhouses in ACB Jaipur headquarter) हैं.
एसीबी डीजी बीएल सोनी ने पक्षी आवास लगाने का शुभारंभ किया. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने पक्षियों के रहने के लिए घोसले लगाकर समय-समय पर इनकी साल संभाल का भी संकल्प लिया. बीएल सोनी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पशु-पक्षियों की सेवा करने का हमेशा से ही महत्व रहा है. आने वाले दिनों में गर्मी का प्रकोप बढ़ने वाला है. हमें ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी पक्षी प्यासा नहीं रहे.
DG ने कहा- भारतीय संस्कृति में बेजुबानो की सेवा करने का विशेष महत्व पढ़ें:दंपति का पक्षी प्रेम : पक्षियों पर बने 195 देशों के 5 लाख से ज्यादा डाक टिकट का नायाब कलेक्शन
पथरक्षक एनजीओ के सूरज सोनी ने बताया कि झालाना में रहने वाले पक्षी इन घोंसलों को अपने घर के रूप में काम ले सकेंगे. अन्य बिल्डिंगों में भी बात करके घोंसले स्थापित किए जाएंगे. जयपुर समेत राजस्थान के 4 नगरों में पक्षियों के लिए घोंसले लगाना शुरू किया है. 2 महीने में 5000 पक्षी आवास स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. अभी 4000 से अधिक घोंसले लगाए जा चुके हैं. पहले पक्षी पेड़ों पर अपने घोंसले बनाते थे, लेकिन अब पेड़ भी कम हो गए हैं. पक्षियों को संरक्षित करने में पक्षी आवास योजना कारगर साबित होगी.
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उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में जब पक्षी आवाज लगाने चालू किए थे तो लोगों को अजीब सा लगता था, लेकिन पक्षी आवासों को ग्रीन और येलो कलर में इको फ्रेंडली रूप में तैयार किया गया है, जिसकी वजह से भवनों की शोभा भी बढ़ती है. पक्षी भी इको फ्रेंडली कलर को पसंद कर रहे हैं. यह योजना पक्षियों की विलुप्त होती प्रजातियो बचाने में भी कारगर साबित होगी. पक्षी आवास वाटर प्रूफ प्लाई से बनाए हुए हैं जो कि 4 से 5 साल के लिए पक्षियों को संरक्षित कर सकेगा.