बीकानेर.स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में जश्न का माहौल है. देश की आजादी का महापर्व हर कोई उल्लास से मना रहा है, लेकिन इस आजादी को पाने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कितनी यातनाएं दुख झेला और कितने ही शहादत की बेदी पर खुद को न्यौछावर कर गए.
आज भी आजादी के इतने साल बाद भी हमारी सरहदों को संभाल कर उसकी रक्षा करते हुए हमारे वीर सैनिक अपने प्राणों की परवाह नहीं करते. वीर सैनिक देश की रक्षा करते हुए शहादत को गले लगा रहे हैं. बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार ने आने वाली पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कहानियां और उनके नायकों से परिचित करवाने के लिए एक ऐसी पहल की है. जिससे आने वाली पीढ़ी आजादी के आंदोलन को महसूस कर सकेगी.
पढ़े: 74 वां स्वतंत्रता दिवसः मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
अभिलेखागार के निदेशक डॉ. महेंद्र खडगावत बताते हैं कि 1982 में राज्य सरकार ने तब जीवित स्वतंत्रता सेनानियों की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी यादों को संजोने के लिए एक टास्क दिया था. जिसके बाद अभिलेखागार ने उन सभी के संस्मरण उन्हीं की जुबानी रिकॉर्ड किए. खडगावत कहते हैं कि करीब 240 स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के सभी दस्तावेजों को अभिलेखागार से मिलान करने के बाद उनके संस्मरण को रिकॉर्ड किया गया और अब इसमें बीकानेर अंचल का काम बाकी है.