बीकानेर. स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन राजस्थान की ओर से नि:शुल्क शिक्षा के तहत निजी स्कूलों में पढ़ाए जा रहे बच्चों के बीच के पुनर्भरण सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालक बुधवार को बीकानेर पहुंचे (Private school operators across state gathered in Bikaner). उन्होंने बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर बैठक की और इसके बाद जिला कलेक्ट्रेट से निदेशालय तक पैदल मार्च किया.
एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कोडाराम भादू के नेतृत्व में निदेशालय पहुंचे. निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल के साथ वार्ता की. साथ ही शिक्षा सत्र 2021-22 और 2020-21 का बकाया भुगतान करने के साथ ही 31 मार्च 2021 का बैरियर लगाकर रोके गए भुगतान को रिलीज करने, अटका हुआ भुगतान करवाने के साथ ही भौतिक सत्यापन से वंचित स्कूलों का जल्द ही भौतिक सत्यापन करवाने और आरटीई में फीस बढ़ाने की मांग को लेकर वार्ता की.
स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कोडाराम भादू का बयान शिक्षा निदेशक ने जल्द समस्या के निराकरण का भरोसा दिलाया: इस दौरान अंबेडकर पीठ के अध्यक्ष मदन गोपाल मेघवाल और श्रीडूंगरगढ़ के विधायक गिरधारी महिया भी निजी स्कूल संचालकों के साथ शिक्षा निदेशक से मिले. वार्ता के दौरान शिक्षा निदेशक ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को उनकी समस्याओं पर जल्द निराकरण का भरोसा दिलाया. साथ ही आरटीई के पुनर्भरण को लेकर सरकार के स्तर पर वित्त विभाग का मामला होने की बात कही और शिक्षा सचिव से मौके पर ही पदाधिकारियों के सामने बात की. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शिक्षा निदेशक को दो टूक कहा कि आरटीई फीस का पुनर्भरण नहीं होने पर सत्र शुरू होने के साथ ही नि:शुल्क पढ़ाए जा रहे जाए बच्चों को हटा दिया जाएगा.
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सरकार पुनर्भरण राशि दे नहीं तो बच्चों को स्कूल से बाहर निकलना पडे़गा: एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कोडाराम भादू का कहना था कि शिक्षा निदेशक के साथ एसोसिएशन के पदाधिकारियों की वार्ता सकारात्मक हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारी मांगों पर जल्द ही कार्रवाई होगी. यदि इसमें लेट लतीफी होती है तो हम फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार हमें जल्द से जल्द पुनर्भरण की राशि दे, नहीं तो हमें मजबूरन निशुल्क पढ़ा रहे बच्चों को स्कूल से बाहर निकालना पड़ेगा.