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SPECIAL : बीकानेर में बढ़ रहे फर्जी दस्तावेज से जमीन खरीदने के मामले...सावधान रहें, झांसे में न आएं

जमीनों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में जमीन विवाद के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है. बीकानेर में फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन हथियाने के कई मामले सामने आ रहे हैं.

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बीकानेर में प्रॉपर्टी खरीद को लेकर धांधली

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Published : Feb 27, 2021, 8:21 PM IST

बीकानेर.जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में फर्जी दस्तावेज के जरिए बेशकीमती जमीनें हड़पने के मामले थानों में दर्ज हो रहे हैं. विवादों का यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2020 में जिले में जमीन विवाद से जुड़े 172 मामले दर्ज किए गए हैं. देखिये यह खास रिपोर्ट...

बीकानेर में प्रॉपर्टी खरीद को लेकर धांधली

बीकानेर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2020 में बीकानेर जिले में विभिन्न थानों में कुल 172 मामले जमीन विवाद और कूटरचित दस्तावेजों से जमीन हथियाने के दर्ज किए.

बीकानेर में थानों में जमीन विवाद मामले

वर्ष 2020 2021
चालान 16 01
अनुसंधान जारी 73 26
एफआर 83 07
कुल मामले 172 37

थाने में दर्ज मामलों में 83 में एफआर लगा दी गई. 16 मामलों में चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया. 73 में अभी तक अनुसंधान जारी है. इन मामलों में सर्वाधिक मामले नोखा थाना क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं.

थानों में दर्ज हो रहे बड़ी तादाद में प्रकरण

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साल 2021 में शुरुआती महीने जनवरी में कुल 34 मामले दर्ज किए गए हैं. जिनमें से 7 में एफआर लगाई गई है. तो वहीं 26 में अनुसंधान जारी है. एक मामले में कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है.

हालांकि कूट रचित दस्तावेजों और पावर ऑफ अटॉर्नी और पुराने स्टांप का दुरुपयोग कर जमीनों के विवाद के मामले सामने आए हैं. लेकिन बीकानेर में किसी भी तरह से फर्जी स्टांप का कोई मामला सामने नहीं आया है.

बीकानेर में स्टांप वेंडर और प्रॉपर्टी डीलर्स की सांठ-गांठ

बीकानेर उप पंजीयक कविता चौधरी कहती हैं कि अब ई स्टांपिंग के चलते इस तरह की संभावना नहीं है कि कोई फर्जी स्टांप बनाकर काम ले ले ले. वहीं एडवोकेट अवनीश हर्ष कहते हैं कि पंजीयन कार्यालय में पंजीयन के वक्त सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच होती है और जमीन को बेचने और खरीदने वाले की मौजूदगी के साथ ही उनके परिचय पत्र भी साथ होते हैं.

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ऐसे में इस तरह की संभावना नहीं है कि कोई फर्जी स्टांप का उपयोग कर लें. वहीं एडवोकेट राकेश आचार्य का कहना है कि किसी और के नाम से स्टांप खरीदने की प्रक्रिया अधिकृत रूप से नहीं है लेकिन रसूखदार और स्टांप वेंडर की मिलीभगत से इस तरह की बात आम हो चली है. यही कारण है कि बीकानेर में पुराने स्टांप से पॉवर ऑफ अटॉर्नी और इकरारनामा आसानी से बन जाता है.

बढ़ रहे फर्जीवाड़े के मामले, जमीनें सुरक्षित नहीं

हालांकि उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए खुद स्टांप खरीदने के वक्त मौजूद रहना जरूरी है लेकिन रसूखदार के लिए सब काम आसानी से हो जाता है.

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