भीलवाड़ा.मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की पहल पर माणिक्य लाल वर्मा टैक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग कॉलेज में एयरक्राफ्ट बनाने की 7 दिवसीय वर्कशॉप का समापन हुआ. इसमें छात्र-छात्राओं को एयरक्राफ्ट बनाना सिखाया गया. छात्रों के बनाए गए एयरक्राफ्ट्स की प्रदर्शनी आरजी राजस्थान के बैनर तले कॉलेज परिसर में लगाई गई. इस दौरान छात्रों ने बढ़-चढ़कर वर्कशॉप में हिस्सा लिया और एयरक्राफ्ट बनाना सीखा.
भीलवाड़ाः इंजीनियरिंग के छात्रों ने मॉडल एयरक्राफ्ट के जरिए देखा भारत के आत्मनिर्भरता का सपना
भीलवाड़ा में माणिक्य लाल वर्मा इंजीनियरिंग कॉलेज में एयरक्राफ्ट बनाने की 7 दिवसीय वर्कशॉप खत्म होने के बाद स्टूडेंट्स के बनाए एयरक्राफ्ट की प्रदर्शनी लगाई गई. स्टूडेंट्स ने कहा कि हमें एयरक्राफ्ट दूसरे देशों से खरीदने पड़ते हैं. अगर भारत में ही एयरक्राफ्ट बनाने पर जोर दिया जाए तो इस दिशा में हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
प्रदर्शनी के आयोजक कमलेश मेघवंशी ने कहा कि हमारा उद्देश्य मेक इन इंडिया के सपने को साकार करना है. हमें एयरक्राफ्ट दूसरे देशों से खरीदने पड़ते हैं. अगर भारत में ही एयरक्राफ्ट बनाने पर जोर दिया जाए तो इस दिशा में हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं. उन्होने बताया कि कॉलेज छात्रों को एयरक्राफ्ट बनाने की ट्रेनिंग देने के लिए वर्कशॉप आयोजित की गई थी. जिसमें उन्हें एयरक्राफ्ट बनाने की तकनीक सिखाई.
वर्कशॉप में भाग लेने वाले छात्रों ने भी एयरक्राफ्ट बनाए. जिनकी प्रदर्शनी लगाई गई. एयरक्राफ्ट बनाने वाले छात्र पीयूष ने कहा कि हमने एक्सपीएस फॉम, कॉलग्रेट फील्ड से एयक्राफ्ट बनाया है. इसमें एक मिनी कैमरा और जीपीएस सिस्टम भी जोड़ा गया है. इस तरह के एयरक्राफ्ट्स का उपयोग कृषि के क्षेत्र में और सर्विलांस के लिए किया जा सकता है. अगर खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करना हो या संदिग्ध गतिविधियों को ट्रैक करना हो तो इसका बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है.
एयरक्राफ्ट बनाने वाले एक और छात्र ने कहा कि वर्कशॉप में हमने मॉडल एयरक्राफ्ट बनाना सीखा है. एयरक्राफ्ट बनाने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है. किस तरह से तकनीक का इस्तेमाल करके इसे और भी उपयोगी बनाया जा सकता है इसके बारे मे जाना है.