भरतपुर. जिला पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए रीट परीक्षा में पास कराने और नौकरी का झांसा देकर परीक्षार्थियों से पैसे हड़पने वाले सरकारी अध्यापक को गिरफ्तार किया है. मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने डिकॉय ऑपरेशन कर आरोपी को धर दबोचा.
आरोपी अध्यापक अभ्यर्थियों को रीट परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर 10 -10 लाख रुपए की मांग करता था. पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि रीट परीक्षा के दौरान पुलिस टीम को कुम्हेर कस्बा में एक व्यक्ति रीट परीक्षा का पेपर पास कराने के नाम पर परीक्षार्थियों से धोखाधड़ी की कोशिक कर रहा था.
पुलिस ने मुखबिर की बताई निशानदेही के आधार पर कुम्हेर में आरोपी को पहचान लिया. सुबह 10 बजे सहायक उप निरीक्षक राजपाल सिंह मनोरंजन बैंक के दो-दो हजार के 49 नोट की गड्डी लेकर उसके ऊपर एक, 2 हजार का असली नोट लगाकर डिकॉय ऑपरेशन के लिए सहायक उप निरीक्षक नौहबत सिंह को दिए. नौबत सिंह ने आरोपी शिक्षक से मुलाकात की और एक रिश्तेदार को रीट परीक्षा में पास कराने के लिए पूछा.
डिकॉय ऑपरेशन सफल होने पर नौबत सिंह ने सहायक उपनिरीक्षक राजपाल सिंह को इशारा करके आरोपी को नदबई मोड़ से तोप सर्कल रवाना कर दिया. तोप सर्कल पहुंचने पर जब आरोपी से रीट परीक्षा के लिए बात की तो उसने 10 लाख रुपए में रीट परीक्षा पास कराने की बात कही, जिसमें 2 लाख रुपए एडवांस मांगे. इस पर नौबत सिंह ने आरोपी को कहा कि फिलहाल मेरे पास 1 लाख रुपए हैं और बाकी पैसे मैं आपको 3-4 घंटे में व्यवस्था करा दूंगा.
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आप तो मेरे रिश्तेदार का चयन सुनिश्चित करवा दो, जिस पर आरोपी शिक्षक ने रीट परीक्षा में चयन की गारंटी दी. इसके बाद नौबत सिंह ने अपनी जेब से एक लाख की गड्डी (जिनमें से 2 हजार का असली नोट था और बाकी 49 मनोरंजन बैंक यानी नकली नोट) अपनी जेब से निकाल कर उस शख्स को दे दिए.
आरोपी शिक्षक हस्ताक्षर युक्त नोटों की गड्डी अपनी पेंट की पीछे की जेब में रखने लगा, जिस पर सहायक उप निरीक्षक नौबत सिंह ने एएसआई राजपाल सिंह को इशारा किया. इशारा पाते ही राजपाल सिंह पुलिस जाब्ते के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और आरोपी को पकड़ लिया.
पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम कुम्हेर थाना क्षेत्र के पूंठ गांव निवासी लक्ष्मण सिंह पुत्र खुशीराम बताया, जो कि कुम्हेर के राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय गोलपुरा में शिक्षक के पद पर कार्यरत है. पुलिस टीम ने आरोपी शिक्षक से डिकॉय ऑपरेशन में इस्तेमाल की गई नोटों की गड्डी, दो स्मार्ट फोन बरामद कर लिए. जब मोबाइलों की जांच की गई तो मोबाइल में कई अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र और उनसे नौकरी दिलाने को लेकर की गई चैट बरामद कर ली.
पूछताछ में आरोपी शिक्षक ने बताया कि वो और उसके कई साथी नौकरी लगाने का झांसा देकर 15-20 परीक्षार्थियों से कुछ राशि एडवांस लेकर व बाकी राशि नौकरी लगने के बाद लेना तय कर लेते हैं, जिनमें से कुछ परीक्षार्थी खुद की मेहनत से ही नौकरी लग जाते हैं, जो नहीं लगते हैं उनके रुपए किस्तों में वापस कर देते हैं. आज भी वे किसी न किसी रीट परीक्षार्थी को नौकरी लगाने का झांसा देकर षडयंत्र पूर्वक धोखाधड़ी करने की फिराक में थे.