बहरोड़ (अलवर). राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के चलते अब स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश सामने आया गया है. जिसको लेकर रविवार को 35 गांवो के हजारों लोगों की महापंचायत बॉर्डर पर चल रही है.
बहरोड़ में किसान आंदोलन से परेशान हुए ग्रामीण आस-पास के ग्रामीणों ने हरियाणा-राजस्थान के प्रशासन को कहा कि बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को यहां से हटाया जाए. वरना कुछ भी हो सकता है. जिसकी जिम्मेदारी दोनों सरकारों की होगी. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते उनका जीना मुश्किल हो गया है. उनका जनजीवन पूरी तरह से चौपट हो गया है.
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राजस्थान सरकार के आदेश पर दिल्ली-जयपुर और जयपुर से दिल्ली जाने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट करने के बाद सभी वाहन गांवो से निकल रहे हैं. जिससे उनको काफी नुकसान हो रहा है. साथ ही बॉर्डर पर आस-पास के हजारों युवा अपना छोटा-मोटा काम कर अपना घर चला रहे थे. वो अब भूखे मर रहे हैं. साथ ही बॉर्डर पर बने पेट्रोल पंप पर काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए.
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बता दें कि शाहजहांपुर बॉर्डर पर पिछले एक महीने से केंद्र सरकार की ओर से लाए किसान कानून के विरोध में हाईवे पर किसान धरना देकर बैठे गए थे. जिसके बाद हाईवे से होकर जाने वाले सभी वाहनो का रूट डायवर्ट कर दिया था. केंद्र सरकार और किसानों के बीच हर बार वार्ता विफल हो जाने के बाद कोई भी सहमति नही बन पाई है और यह आंदोलन जारी है.
वहीं, आस-पास के गांवों से होकर गुजर रहे बड़े वाहनों के चलते कई अप्रिय घटना भी हो चुकी है. जिससे ग्रामीण परेशान हो गए हैं. बड़े वाहनों के निकलने से गांव के रास्ते संकरे होने से वाहन फंस जाते और घरों के बाहर लगे मकानों के छज्जे भी टूट गए हैं. जिसको लेकर सैंकड़ों ग्रामीण हरियाणा और राजस्थान के प्रशासन और किसान नेताओं से मिले और कहा कि हम लोग भी किसान हैं और आपके आंदोलन का सहयोग भी हमने किया, लेकिन अब हम लोग परेशान हो गए हैं. आपको आंदोलन करना है तो दिल्ली जाओ पर हमें परेशान मत करो.