अलवर.अलवर-भरतपुर मार्ग पर अज्ञारा बांध के पास अलवर का एसटीपी बना हुआ है. इसकी क्षमता 20 एमएलडी है. एसटीपी तक शहर का गंदा पानी पहुंचे उसके लिए अलवर में करोड़ों रुपए की लागत से सीवर लाइन डाली गई. लेकिन उसके बाद भी एसटीपी में शहर का पूरा पानी नहीं पहुंच रहा है. वहीं ट्रीटमेंट प्लांट में भी मशीनें बंद रहती है और ट्रांसफार्मर खराब है. ऐसे में सीवरेज के पानी का बेहतर तरह से ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा है.
बता दें कि अलवर शहर की 19 कॉलोनियों के लिए आरयूडीआईपी ने 330 करोड़ों रुपए की लागत से सीवरेज लाइन डाली गई थी. इन लाइनों के माध्यम से 7 हजार से अधिक घरों को जोड़ा गया. इसके बाद अमृत योजना के तहत 99 करोड़ रुपए की लागत से नगर परिषद की तरफ से भी शहर के विभिन्न हिस्सों में सीवरेज लाइन डाली गई.
शहर की सीवरेज लाइन को अलवर भरतपुर मार्ग पर बने 20 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा गया. लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट तक प्रतिदिन 7 से 8 एमएलडी सीवर का पानी पहुंच पाता है. सीवरेज लाइन की सफाई के लिए करोड़ों रुपए की मशीनें नगर परिषद की तरफ से खरीदी गई थी. वो मशीनें भी खराब हो रही है. ऐसे में सीवरेज लाइन और ट्रीटमेंट प्लांट पर खर्च हुए करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं.
सीवरेज प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि ये आमतौर पर बंद रहता है, शाम को कुछ घंटे के लिए प्लांट चलाया जाता है. साथ ही विद्युत कटौती और ट्रांसफार्मर की कमी के चलते प्लांट की सभी मोटर नहीं चल पाती हैं. दअरसल अभी जो ट्रांसफार्मर है वो प्लांट में लगी सभी मोटर का भार नहीं झेल पाता है. इस संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया है. वहीं आए दिन प्लांट की मशीनें भी खराब रहती है. मशीन सीवरेज के पानी से कचरा अलग नहीं कर पाती है. ऐसे में करोड़ों रुपए का प्लांट केवल दिखावा बनकर रह गया है.