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अलवर में मत्स्य विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने कहा- बेटियों ने बढ़ाया मान - सूचना प्रौद्योगिकी

राजर्षि भर्तहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ. इसमें विद्यार्थियों को राज्यपाल की अनुमति से कुलपति ने मैडल देकर सम्मानित किया. इस दौरान 32 गोल्ड मेडल और चार रजत पदक विद्यार्थियों को दिए गए.

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अलवर में मत्स्य विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह

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Published : Mar 6, 2021, 7:31 AM IST

अलवर.राजर्षि भर्तहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह शुक्रवार को राजर्षि महाविद्यालय के जुबली हॉल में आयोजित हुआ. इस समारोह में गोल्ड और रजत पदक प्राप्त करने वाले युवा विद्यार्थियों को राज्यपाल की अनुमति से कुलपति ने मैडल देकर सम्मानित किया. इस दौरान 32 गोल्ड मेडल और चार रजत पदक दिए गए. इसमें बेटियों ने बाजी मारी और सबसे ज्यादा मेडल प्राप्त किए. कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने वर्चुअल तरह से छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अलवर जिले की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत हमेशा से ही सम्पन्न रही है. यहां राजा भर्तृहरि ने साधू बनकर तपस्या की. मत्स्य विश्वविद्यालय को शोध करने की पहल करनी चाहिए.

अलवर में मत्स्य विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल मिश्र ने कहा कि अलवर में ही औरंगजेब ने दारा शीको को कैद करके रखा, जिसने कैद में रहते हुए भारतीय ग्रंथों का अध्ययन किया. अलवर क्षेत्र के विराट नगर में पांडवों ने अज्ञान वास काटा. अलवर में बहुत से ऐतिहासिक, धार्मिक और पर्यटक स्थल हैं, जिससे यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का पता लगता है. राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह में पुरस्कार पाने वालों में बेटियों के नाम ज्यादा हैं. अकादमिक क्षेत्र में बेटियों को सफल होता देख सुकून होता है. यदि एक बेटी आगे बढ़ती है तो वह दो परिवारों को आगे बढ़ाती है.

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कार्यक्रम के प्रारम्भ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल काव्यों का वाचन करवाया. समारोह में वर्ष 2018-19 के दौरान कला, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान, शिक्षा, विधि, विज्ञान एवं ललित कला संकाय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और रजत पदक प्रदान किए गए. विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर मोनिका यादव को कुलाधिपति पदक प्रदान किया गया. कुलपति जे.पी. यादव ने स्वागत उदबोधन में विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. कुलपति ने बताया कि हल्दीना, ककराली व बाम्बोली को गोद लिया है, जिन्हें विकसित किया जाएगा. कुलाधिपति से अनुमति लेकर कुलपति ने पदकों का वितरण किया.

समारोह में 32 विद्यार्थियों को स्वर्ण व चार विद्यार्थियों को रजत पदक प्रदान किए गए. सहायक कुल सचिव आशुतोष शर्मा ने बताया कि स्वर्ण पदक मोनिका यादव, मनोज वर्मा, दिव्या , माया यादव, सविता आर्य, अरशद खान, श्वेता भारद्वाज, एकता गुप्ता, प्रीति गुप्ता, शशि कुमारी, काश्वी वर्मा, विनय गुप्ता, रेणू विश्वकर्मा, सुषमा यादव, हीमानी मनराल, सलोनी, दीपा, दीक्षा गोयल, भानू अरोड़ा, याचिका शर्मा, नेहा गुप्ता, मीनाक्षी सैनी, आशिष कुमार, नेहा कंवर, चंचल राठौड़, बबीता शर्मा, शिवानी प्रजापत, रिया मिश्रा, पूनम मीणा व कृष्णा है। सिल्वर मैडल अंकिता योगी, भावना, मोना यादव तथा अपूर्वा गंगावत को प्रदान किया गया. संचालन ऋतु माथुर ने किया. कुल सचिव ज्योति मीणा ने डिग्री पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या को बताया, जिस पर कुलधिपति ने डिग्री जारी करने की अनुमति प्रदान की.

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इस दौरान राज्यपाल ने भाषण में कहा कि वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी का जमाना है. जिस व्यक्ति के पास अधिक शक्ति है, उसे ही ताकतवर माना जा रहा है, लेकिन यह सही नहीं है. सर्वांगीण विकास के लिए व्यापक सांस्कृतिक और संस्कारों पर आधारित शिक्षा को अपनाना होगा. हमारे ऋषि मुनि जीवन पथ के संचालन के लिए शिक्षा देते थे. शिक्षा का व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए. शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ सूचनाएं और जानकारी प्रदान करना नहीं है बल्कि व्यक्ति में विवेक का विकास करना है. व्यापक सांस्कृतिक दृष्टिकोण पर आधारित शिक्षा से ही विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास संभव है. स्थानीय ज्ञान-विज्ञान को वर्तमान संदर्भों के अनुरूप नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय को प्रयास करने चाहिए.

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