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SPECIAL: पानी को तरस रहे लोग, लीकेज से बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी

अलवर में हजारों की आबादी पानी को तरस रही है जबकि रोजाना लाखों लीटर पानी पाइप लाइन लीकेज के चलते यूं ही सड़क पर बेकार बह जाता है. कई जगह लीकेज से लोगों के हिस्से का पानी स्वर्थ बह जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि शिकायत के बाद भी अफसर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. देखें ये स्पेश रिपोर्ट..

Millions of liters of water is being wasted due to leakage
लीकेज से बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी

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Published : Jul 30, 2020, 2:53 PM IST

अलवर.अलवर जिला डार्क जोन में आता है. यूं तो साल भर यहां पानी की समस्या बनी रहती है. लेकिन गर्मी के मौसम में हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं. उस पर लीकेज की समस्या से परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है. शहर में जगह-जगह पाइप लाइन टूटी है जिससे लाखों लीटर पानी व्यर्थ ही बह जाता है. कई बार जलदाय विभाग के अफसरों से शिकायत की गई है लेकिन विभाग की तरफ से इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

लीकेज से बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी

अलवर शहर में करीब एक हजार किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डली हुई है. गर्मी के मौसम में पानी की डिमांड 90 एमएलडी प्रतिदिन के आसपास रहती है. जबकि जलदाय विभाग 40 से 45 एमएलडी पानी ही सप्लाई कर पाता है. पानी का बेहतर इंतजाम न होने के कारण हमेशा समस्या बनी रहती है. कुछ पुरानी कॉलोनी और मोहल्लों में तो लोगों को नियमित सप्लाई तक नहीं हो पाती है. जिससे लोग खासे परेशान रहते हैं. इस संबंध में कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन हालात नहीं सुधरे. प्रतिदिन लीकेज से लाखों लीटर पानी व्यर्थ ही बह जाता है.

व्यर्थ बह रहा पानी

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जिले में लाइन लीकेज ठीक करने के लिए प्रत्येक एईएन सर्किल एरिया स्तर पर ठेके जारी किए जाते हैं. इसके बाद भी समय पर लीकेज ठीक नहीं हो पाते हैं. शहर के लोग और पार्षद लीकेज की जानकारी तुरंत जलदाय विभाग के अधिकारियों को देते हैं, फिर भी कोई कदम नहीं उठाया जाता है. पाइप लाइन लीकेज से शहर के कई इलाकों में गंदे पानी की सप्लाई की समस्या बनी रहती है. जिससे लोगों को पेट संबंधी बीमारी का भी सामना करना पड़ता है.

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लीकेज ठीक करने की क्या है व्यवस्था

जिले में जलदाय विभाग का एक कंट्रोल रूम बना हुआ है. वहां लोगअपनी पानी संबंधी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा जलदाय विभाग के एईएन, जेईएन या विभाग के किसी भी अधिकारी को पाइप टूटने की जानकारी दी जा सकती है. सर्किल ऑफिस स्तर पर लाइन ठीक करने का ठेका जारी किया जाता है. इसके अलावा जलदाय विभाग के कर्मचारी भी इस काम मे लगे रहते हैं.

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क्या हैं पाइप लाइन के हालात

अलवर शहर में करीब 400 किलोमीटर तक पुरानी पाइप पड़ी हुई हैं. जबकि एनसीआर योजना के तहत करीब 600 किलोमीटर तक पाइप लाइन कुछ दिन पहले डाली गई है. ऐसे में अलवर शहर में करीब 1000 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन पड़ी है जिससे पानी की सप्लाई होती है. चार लाख से अधिक आबादी वाले शहर में गर्मी के मौसम में प्रतिदिन 90 एमएलडी पानी की डिमांड रहती है. जबकि जलदाय विभाग महज 40 से 45 एमएलडी पानी सप्लाई कर पाता है. ऐसे में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है.

लोग खुद ही करा लेते हैं ठीक
ज्यादातर लीकेज में पानी संबंधी समस्या का लोग खुद ही समाधान करने में लगे रहते हैं. क्योंकि जलदाय विभाग में कई बार शिकायत करने के बाद भी कर्मचारी और अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते हैं. ऐसे में परेशान निजी मिस्त्री बुलाकर खुद ही अपनी समस्याओं हल करा लेते हैं.

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