राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

महिला कांग्रेस कमेटी की कार्यकर्ता किसानों को समर्थन देने के लिए शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए हुई रवाना

शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी है. जिसमें रविवार को महिला कांग्रेस कमेटी कार्यकर्ता शामिल होने के लिए शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए रवाना हुई. इस दौरान श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली के निवास स्थान से उनकी पत्नी गीता जूली और उनके भाई मुकेश जूली ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान काफी संख्या में महिला कार्यकर्ता मौजूद रही.

Peasant movement, Alwar's latest Hindi news, श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली
किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए महिला कांग्रेस कमेटी की कार्यकर्ता हुई रवाना

By

Published : Feb 28, 2021, 12:46 PM IST

अलवर.जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में रविवार को जिला महिला कांग्रेस कमेटी कार्यकर्ता शामिल होने के लिए शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए रवाना हुई. इस मौके पर सैकड़ों महिला कांग्रेसी कार्यकर्ता श्रम मंत्री टीकाराम जूली के निवास स्थान पर इकट्ठा हुई. महिला कांग्रेस कमेटी की जिला अध्यक्ष कमलेश सैनी के नेतृत्व में सुबह 32 वाहनों जिसमें बस और फोर व्हीलर कर में बैठकर महिलाएं किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना हुई.

किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए महिला कांग्रेस कमेटी की कार्यकर्ता हुई रवाना

बसों को मोती डूंगरी राजीव गांधी पार्क के सामने श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली के निवास स्थान से उनकी पत्नी गीता जूली और उनके भाई मुकेश जूली ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान काफी संख्या में महिला कार्यकर्ता मौजूद रही.

वहीं किसान आंदोलन को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया. महिलाएं शाजापुर बॉर्डर रवाना होने से पहले ही मंत्री टीकाराम जूली के घर के बाहर नाचती झूमती हुई दिखाई दी. उसके बाद बसों के अंदर भी गीत गाकर और नाचती झूमती दिखाई दी.

पढ़ें-अलवर: बलिदान दिवस पर चंद्रशेखर आजाद को दी गई श्रद्धांजलि, आयोजित हुए कई कार्यक्रम

महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष कमलेश सैनी ने बताया किसान आंदोलन के समर्थन में महिला कांग्रेस शाजापुर बॉर्डर पर चल रहे धरने में समर्थन देने के लिए पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ये बिल वापस चाहिए. केंद्र कि मोदी सरकार अपनी हठधर्मिता कर रही है. सरकार को यह कृषि काले कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए और किसानों के हित में आगे कदम बढ़ाने चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details