अलवर.जिले के मिनी सचिवालय भवन में प्रशासनिक भवन शिफ्ट होने की प्रक्रिया (shifting the administrative building to the mini secretariat building) चल रही है. 20 फरवरी तक कलेक्ट्रेट शिफ्ट हो जाएगा. प्रशासनिक भवन के पास न्यायालय परिसर भी बन रहा है, लेकिन उसका काम अभी अधूरा है. इसके अलावा न्यायालय भवन परिसर में जरूरत की सुविधाएं भी नहीं है. ऐसे में वकीलों ने कहा कि जब तक वकीलों के बैठने के लिए चेंबर नहीं बनेंगे और पर्याप्त व्यवस्था नहीं होगी. अलवर के न्यायालय पुराने भवन में ही चलेंगे, अगर प्रशासन जबरन न्यायालय को शिफ्ट कर आएगा तो वकील इसका विरोध करेंगे.
अलवर के भवानी चौक चौराहे के पास मिनी सचिवालय भवन बनकर तैयार हो चुका है. प्रशासनिक भवन में अलवर कलेक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. 20 फरवरी तक सभी कार्यालय शिफ्ट हो जाएंगे. प्रशासन न्यायालय परिसर भी शिफ्ट कराने की योजना बना रहा था, लेकिन वकीलों ने इसका विरोध किया. वकीलों ने 1 दिन का कार्य बहिष्कार भी रखा. उन्होंने कहा कि जब तक न्यायालय परिसर पर वकीलों के बैठने के लिए चेंबर नहीं बनेंगे, न्यायालय परिसर शिफ्ट नहीं होगा. इस संबंध में प्रशासन ने वकीलों से वार्ता की उनके सामने चेंबर के लिए दो जगहों का प्रस्ताव रखा, लेकिन वकीलों ने दोनों ही जगह पर चेंबर बनाने से मना कर दिया है.
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उन्होंने कहा कि मिनी सचिवालय परिसर में ही वकीलों के चेंबर की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा न्यायालय परिसर भवन का काम भी अभी अधूरा है. बजट की कमी के चलते काम रुका हुआ है. वकीलों ने कहा कि जल्द केंद्र सरकार को राज्य सरकार को जरूरी बजट जारी करना चाहिए, जिससे मिनी सचिवालय का काम पूरा हो सके.
अलवर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल वशिष्ठ कहा कि बीते दिनों प्रशासन ने मिनी सचिवालय परिसर में वकीलों के चैंबर बनाने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं विधायकों मंत्रियों से भी बातचीत हुई है. उन्होंने वकीलों के लिए सभी व्यवस्था मिनी सचिवालय में कराने का आश्वासन दिया था. अगर प्रशासन जबरन मिनी सचिवालय परिसर में न्यायालय शिफ्ट कर आएगा, तो वकील कार्य बहिष्कार करके विरोध प्रदर्शन करेंगे.
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बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अलवर के सांसद बालक नाथ से भी मिनी सचिवालय के लिए केंद्र सरकार से बकाया बजट आवंटित कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा राजनीतिक तौर पर एक दूसरे पर कुछ भी आरोप लगाएं लेकिन वकीलों को राजनीतिक मुद्दा ना बनाएं. कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के विधायक सांसद और मंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मिनी सचिवालय का काम पूरा कराने में अपना सहयोग करें. जिससे आम लोगों को फायदा मिले. उन्होंने कहा कि अभी एसडीएम और अन्य न्यायालय परिसर पुराने जगहों पर चलाने की व्यवस्था के लिए प्रशासन से बातचीत की गई है.