अलवर.लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर चीन के साथ हुई झड़प में बड़ी संख्या में भारतीय सेना के जवान शहीद और घायल हुए है. घायलों में अलवर के नौगांवा निवासी सुरेंद्र सिंह भी शामिल हैं. सुरेंद्र की पत्नी और बच्चे अलवर शहर के सूर्यनगर स्थित नई बस्ती में रहते हैं.
सुरेंद्र सिंह की पत्नी ने बताया कि अगर सुरेंद्र के पास कृपाण नहीं होती तो शायद वे भी ना बचते. क्योंकि भारतीय सैनिक निहत्थे थे. जबकि चीनी सैनिकों के पास लोहे की रॉड जैसे हथियार थे, जिन पर तार और कील लगे हुए थे. ऐसे में सुरेंद्र ने अपनी कृपाण से खुद को तो बचाया ही. साथ ही चीन के दो सैनिकों को घायल भी किया. सुरेंद्र ने अपने परिवार को बताया कि इस दौरान पीछे से किसी ने उनके सिर पर हथियार से हमला कर दिया, जिसके बाद वो घायल हो गए.
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अलवर के नौगामा में रहने वाले सुरेंद्र सिंह 22 साल से भारतीय सेना में नौकरी कर रहे हैं. वे आर्टिलरी थ्री मीडियम में हवलदार के पद पर तैनात हैं. सुरेंद्र के पत्नी गुरप्रीत कौर अलवर के सूर्यनगर स्थित नई बस्ती में अपने चार बच्चों के साथ रहती हैं. Etv Bharat से खास बातचीत में गुरप्रीत कौर ने बताया कि 20 जनवरी 2020 को सुरेंद्र 20 दिन की छुट्टी पर आए थे. उसके बाद 31 जनवरी को वापस ड्यूटी पर चले गए. उनकी पूरी बटालियन शिफ्ट होनी थी. लेकिन कोरोना वायरस के चलते शिफ्ट होने की प्रक्रिया को अभी रोक दिया गया है.
वैसे तो सुरेंद्र लेह में तैनात थे, लेकिन चीन सीमा पर बढ़ रहे तनाव के चलते सभी सैनिकों को लद्दाख में चीन सीमा पर शिफ्ट किया गया. सुरेंद्र ने परिजनों को बताया कि वो चीन सैनिकों के सामने बैठे हुए हैं. अभी लगातार वार्ताओं का दौर चल रहा है. गुरप्रीत ने कहा कि लद्दाख में फोन का नेटवर्क काम नहीं करता है. इसलिए प्रतिदिन बात नहीं हो पाती है. पांच से 6 दिन में एकाधबार बात होती है. चीन सीमा पर तनाव की जानकारी सुरेंद्र के परिवार को टीवी से मिली. उसके बाद उन्होंने सुरेंद्र के साथियों से संपर्क साधा. तब जाकर उनको सुरेंद्र के घायल होने की जानकारी मिली. सुरेंद्र की पत्नी गुरप्रीत ने बताया कि सैनिकों के परिजनों से बातचीत हुई. लेकिन अभी तक सुरेंद्र से कोई बात नहीं हो पाई है. केवल सुरेंद्र ने कहा है कि मैं ठीक हूं. सुरेंद्र के परिजन खासे परेशान हैं. घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं, जो गांव में रहते हैं.
खुद की बचाई जान व चीनी सैनिकों को किया घायल