अलवर.अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी है. अलवर में 15 औद्योगिक क्षेत्र हैं. जिनमें 16 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. इन औद्योगिक इकाइयों में लाखों श्रमिक काम करते हैं. इन औद्योगिक इकाइयों में ऑटो इंडस्ट्री भी शामिल है. जो कोरोना के चलते खासा प्रभावित हुआ है. वैसे तो कोरोना का हर वर्ग पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन लोगों के कामकाज ठप होने के कारण ऑटो इंडस्ट्री ज्यादा प्रभावित हो रही है. लोग नए वाहन नहीं खरीद रहे हैं. ऐसे में नए वाहनों की डिमांड तेजी से कम हो रही है. इसका असर ऑटो इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है. नए लोगों को नौकरी से हटा दिया गया है, तो वहीं कुछ जगहों पर वेतन में भी कटौती की गई है. ऐसे में हजारों लोग खासे परेशान हो रहे हैं.
बिक्री 30 से 40 प्रतिशत प्रभावित
वाहन निर्माता कंपनियों ने नए वाहन बनाने का काम कम कर दिया है, जबकि शोरूम में वाहनों की बिक्री 30 से 40 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है. दोपहिया वाहनों की बिक्री पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है. लॉकडाउन के चलते अलवर में ऑटो इंडस्ट्री के कामकाज पर दोगुना असर पड़ता हुआ नजर आ रहा है. मुख्य बाजार पूरी तरीके से बंद हैं. जिससे व्यापारी वर्ग खासा परेशान है. लोगों की नौकरियां छीन चुकी हैं. जिन लोगों की नौकरी बची हुई है, उनको समय पर वेतन नहीं मिल रहा है.
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अलवर जिले के 11 विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कार और दोपहिया वाहनों के शोरूम हैं. फोर व्हीलर के अलवर में 9 वाहन निर्माता कंपनी के शोरूम हैं. इनके करीब 25 आउटलेट हैं. इसी तरह से दोपहिया वाहनों के अलवर में करीब 50 शोरूम हैं. इन सभी से लगभग 20 हजार से अधिक लोग काम करते हैं.
कोरोना ने लगाया ब्रेक
आंकड़े पर नजर डालें तो हर महीने अलवर में फोर व्हीलर 800 गाड़ियां रजिस्टर्ड होती हैं. इसके अलावा हर माह करीब 5 हजार दोपहिया वाहन जिले में रजिस्टर्ड होते हैं. लेकिन कोरोना के चलते मार्च से कामकाज पूरी तरीके से ठप है. राजस्थान में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज अलवर में मिल रहे हैं. ऐसे में अलवर का सभी वर्ग प्रभावित होता नजर आ रहा है.