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अलवर: 2018 से नहीं मिला पोषाहार का पैसा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को दिया ज्ञापन

अलवर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एक साल से पोषाहार का पैसा नहीं मिला है. जिस कारण उन्हें समस्या हो रही है. ऐसे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर समस्या के समाधान की मांग की है.

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Published : Jul 28, 2020, 12:34 AM IST

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिया ज्ञापन

अलवर.जिले की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास विभाग संयुक्त कर्मचारी संघ के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया. इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि, उन्हें 2018 से पोषाहार का पैसा नहीं मिल रहा. समूह की महिलाएं उनसे प्रतिदिन पैसे का तगादा करती हैं. वह कहती हैं कि हम किसी विभाग को नहीं जानते. हमने पोषाहार आप के कहने पर दिया है और इसका भुगतान भी वह हमसे मांगती हैं.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिया ज्ञापन

संघ की जिला अध्यक्ष ललतेश शर्मा ने बताया कि, उन्हें 2018 से पोषाहार के पैसे नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में उन्हें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया है. उन्होंने कहा कि, जो मानदेय मिलता है उसमें घर खर्च चलाएं, मोबाइल में रिचार्ज डलवाएं या फिर दाल और गेहूं बांटें. यह उनकी समझ में नहीं आ रहा. खुद उनका विभाग उनकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है.

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साथ ही अध्यक्ष ललतेश शर्मा का कहना है कि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की हालत बहुत खराब हो गई है. वह अपने विभाग का काम करें या किसी और विभाग का उन्हें समझ नहीं आता. उन्हें जब चाहे चिकित्सा विभाग बुलाकर अपने काम में लगा देता है. हालात यह है कि जब भी कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो, उन्हें बुला लिया जाता है. रात दिन का समय नहीं देखा जाता.

वहीं दूसरी ओर उन्हें चिकित्सा विभाग की ओर से कोई सुरक्षा किट नहीं दिया जाता और न ही सैनिटाइजर दिया जाता है. जबकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में भी कई कार्यकर्ता हाई रिस्क वाली हैं. जिन्हें बीपी, शुगर थायराइड जैसी अनेक बीमारियां हैं. इसके बावजूद भी चिकित्सा विभाग के आदेश पर वहां जा रही है और अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं.

यदि किसी को कुछ हो जाए तो कोई उनका रखवाला नहीं है. क्योंकि उनके पास विभाग का आईडी कार्ड तक नहीं है. उन्होंने कहा उनके विभाग से कोई आदेश भी जारी नहीं हुए. केवल चिकित्सा विभाग ने आदेश जारी किए. जबकि उनका चिकित्सा विभाग से कोई लेना-देना ही नहीं है. फिर भी उन्हें जबरन बुलाया जाता है.

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