अलवर. आम नागरिक युवा पार्टी ने प्रदेश में शराबबंदी की मांग उठाई है. शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैदर अली ने अलवर की गुलाबी टीम का पार्टी में विलय होने की जानकारी देते हुए कहा है कि 6 नवंबर को पार्टी की ओर से एक मुहिम शुरू की जाएगी, जिसके तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उपहार के रूप में शराब भेजी जाएगी और उनसे आग्रह किया जाएगा या तो आप शराब का सेवन करें, अगर नहीं करते हैं तो इस पर पाबंदी लगाएं.
आम नागरिक युवा पार्टी ने की प्रदेश में शराब बंदी की मांग गुलाबी टीम की लीडर प्रेमलता सुलानिया ने बताया कि गुलाबी टीम का गुरुवार को आम नागरिक युवा पार्टी में विलय हो गया है. अब शराब बंदी के खिलाफ लड़ाई आम नागरिक युवा पार्टी द्वारा राजस्थान में लड़ी जाएगी. पूर्व में भी गुलाबी टीम ने शराबबंदी को लेकर अलवर में धरना प्रदर्शन किया था और शराबबंदी को लेकर जमकर संघर्ष किया था. उन्होंने बताया कि शराब के कारण ना जाने कितने घर बर्बाद हो गए और कितने घर बर्बादी की कगार पर खड़े हुए हैं. इसलिए शराबबंदी की मुहिम की शुरुआत दोबारा से की जा रही है.
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आम नागरिक युवा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैदर अली ने बताया कि शराबबंदी की लड़ाई अब आम नागरिक युवा पार्टी और गुलाबी टीम करेगी. इसके लिए 6 नवंबर 2020 से शराब के खिलाफ एक मुहिम चलाई जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए शराब को उपहार के रूप में अलवर से डाक द्वारा भेजी जाएगी और शराब उपहार का यह मिशन पूरा राजस्थान में चलेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शराब बंद को लेकर मांग की जाएगी.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में शराब फैक्ट्री बंद कराने के लिए उच्च न्यायालय जयपुर में याचिका दाखिल की, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने मामला सरकार की नीति बताते हुए विधानसभा में भेजते हुए कहा कि सरकार अगले सत्र में इस पर उचित विचार करे. अगर सरकार को लगता है कि इसके उत्पादन को बंद किया जाए तो इस पर सरकार विचार करे, लेकिन सरकार ने किसी भी प्रकार का फैसला आज तक नहीं लिया है, जबकि संपूर्ण राजस्थान डार्क जोन प्रदेश है. यहां पर शराब फैक्ट्री या नहीं चलाई जा सकती.
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राजस्थान में कुल 27 प्राइवेट लिमिटेड शराब व बियर की फैक्ट्री हैं, जिनमें से 21 शराब फैक्ट्री अलवर जिले में चल रही हैं, जबकि अलवर जिला अति डार्क जोन घोषित किया हुआ है. ऐसे में यहां शराब शक्तियों का संचालन सरकार की उदासीनता को दर्शा रहा है. इसलिए शराबबंदी की मुहिम को चालू कर आगे की रणनीति शीघ्र ही तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि आरटीआई में प्राप्त दस्तावेज के आधार पर सरकार को प्रत्येक वर्ष लगभग 2 से ढाई हजार करोड़ रुपए प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि आरटीआई खुलासे में बिहार सरकार द्वारा शराब को बंद करने से अपराध मृत्यु दर और दुर्घटनाओं में कमी आई है.