अलवर. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन (oxygen) की सबसे ज्यादा कमी हुई. पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मच गई. समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण लोगों ने अपनी जान गवाई. हजारों लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग अपनों को नहीं बचा सके. हालांकि अब कोरोना का प्रभाव कम हो चुका है. ऐसे में अब लोग प्राकृतिक ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में जुट चुके हैं.
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मानसून से पहले लगेंगे पौधे
इसकी शुरुआत अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल (Rajiv Gandhi General Hospital) से हुई है. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रशासन की तरफ से अस्पताल परिसर में 500 पौधे लगाने का फैसला (decision to plant) लिया है. मानसून (monsoon) से पहले पौधे लगाने का काम शुरू हो जाएगा. इन पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी अस्पताल परिसर में चलने वाले नर्सिंग कॉलेज (Nursing College) के छात्रों की रहेगी, जो छात्र पौधों की अच्छी देखभाल करेगा, उसको पढ़ाई के दौरान कुछ अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे.
ज्यादा ऑक्सीजन वाले पेड़ लगेंगे
3 साल नर्सिंग का कोर्स पूरा होने के बाद नए छात्रों को पौधे दिए जाएंगे. अस्पताल प्रशासन की मानें तो इस पूरी प्रक्रिया में उन पौधों को लगाया जाएगा, जो ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं. जैसे पीपल, नीम, बरगद, जामुन सहित अन्य पौधे शामिल हैं. इस कार्य में सामाजिक संस्थाओं की मदद भी ली जाएगी.
पौधे लगाने के लिए योजना तैयार
अस्पताल प्रशासन की मानें तो इसके लिए पूरी एक योजना बनाई गई है. इसमें सभी वर्ग के लोगों की मदद ली जाएगी. जिससे वे लोग पौधों से जुड़े रहे और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पेड़ लगाने का संदेश पहुंच सके. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान ने कहा कि पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदने और जगह चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है.
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ट्री गार्ड लगाए जाएंगे
पौधों के साथ ट्री गार्ड (tree guard) भी लगाए जाएंगे, जिससे पशु पौधों को न खा सके. हालांकि इसके लिए बजट की आवश्यकता होगी. बजट की मांग की गई है. अगर प्रशासन से बजट नहीं मिलेगा, तो अस्पताल प्रशासन मेडिकल रिलीफ सोसायटी से यह पूरा काम करेगा. इस प्रक्रिया में सामाजिक संस्था एनजीओ भामाशाह का भी सहयोग लिया जाएगा.