अजमेर.सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव सुमित शर्मा और निदेशक ओपी बुनकर शुक्रवार को अजमेर दौरे पर रहे. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के तहत योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के निर्देश दिए.
उन्होंने बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया और राजीव गांधी सेवा केंद्र में प्रदेश के समस्त जिलों के विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट को लेकर शासन सचिव ने अपनी नाराजगी व्यक्त की. विभाग की 10 योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में जहां 10 जिले अव्वल रहे तो वहीं 9 जिलों की प्रगति रिपोर्ट कमजोर रही है. इनमें कुछ जिले तो ऐसे हैं जिनमें कई योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट शून्य है. योजनाओं के क्रियान्वयन में कमजोर जिलों के अधिकारियों की शासन सचिव सुमित शर्मा ने क्लास लगाई. साथ ही उन्हें नोटिस भी जारी किए गए. शर्मा ने अधिकारियों से कहा है कि यदि प्रगति रिपोर्ट में सुधार नहीं हुआ तो ऐसे अधिकारियों को चार्जशीट थमाई जाएगी.
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बातचीत में शासन सचिव सुमित शर्मा ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कि 10 योजनाओं को लेकर सरकार गंभीर है. सरकार योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है. प्रशासन शहर और गांव के संग अभियान के तहत आयोजित शिविरों में पात्र व्यक्ति को तत्काल योजना का लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं. इन योजनाओं में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इस योजना में वृद्धजन, विधवा महिलाएं और निशक्त जनों को पेंशन की राशि दी जाती है. पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों, एकल नारी महिलाएं और उनके बच्चों, एड्स और सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को प्रतिमाह एक हजार रुपए देने का प्रावधान है. वर्ष में एक बार उनके बच्चों के लिए दो हजार रुपए की राशि पढ़ाई के लिए दी जाती है. तीसरी योजना निशक्त जनों के लिए है जिसमें निशक्त लोगों को चिन्हित कर उन्हें ट्राईसाईकिल या अन्य अंग उपकरण दिए जाते हैं.
निशक्तजन के लिए स्वरोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण में 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है. अनुसूचित जाति निगम के तहत इंदिरा गांधी शहरी कार्ड योजना में स्ट्रीट वेंडर्स और बेरोजगार व्यक्ति को 50 हजार रुपए तक बिना ब्याज का ऋण दिया जा रहा है. सुमित शर्मा ने कहा शिविर विभाग के लिए अवसर है. इसके माध्यम से आमजन से सीधे संपर्क में आ रहे हैं. विभाग की कोशिश है कि शिविर में हम पात्र व्यक्ति को चिन्हित करें और योजनाओं से जोड़ें. उन्होंने बताया कि 4 जिलों में आचार संहिता लागू है. शेष 29 जिलों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. विभाग की ओर से बनाए गए 16 बिंदु के तहत सभी जिलों के विभाग के अधिकारियों और कलेक्टर के कार्यों की मॉनिटरिंग की जाती है साथ ही रैंकिंग भी होती है.