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छात्र संघ चुनाव 2022, एनएसयूआई के सामने वर्चस्व बनाने की चुनौती तो एबीवीपी पर जीत बरकरार रखने का दबाव - ETV Bharat Rajasthan news

छात्र संघ चुनाव को लेकर एबीवीपी, एनएसयूआई सहित अन्य छात्र संगठन तैयारियों में जुटे हैं. अजमेर के एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित अन्य कॉलेजों में चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा की गई है. लेकिन इस बार एबीवीपी के सामने जीत बरकरार रखने तो एनएसयूआई के सामने वर्चस्व बनाने की चुनौती है.

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अजमेर में छात्र संघ चुनाव की तैयारी

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Published : Aug 20, 2022, 10:02 PM IST

अजमेर.छात्र संघ चुनाव 2022 को लेकर एबीवीपी और एनएसयूआई जुटी हुई है. यही वजह है कि प्रत्याशियों के चयन को लेकर दोनों पार्टियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं. दरअसल दो साल कोरोना की वजह से छात्र संघ चुनाव नहीं हो पाए थे. इसीलिए इस बार छात्र संघ चुनाव को लेकर एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठनों में उत्साह है. एबीवीपी वर्ष 2019-20 के छात्र संघ चुनाव में मिली जीत को दोहराना चाहती है. वहीं एनएसयूआई एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित अन्य कॉलेज कैंपस में अपना परचम लहराना चाहती है.

अजमेर में एमडीएस यूनिवर्सिटी (MDS University Ajmer) सहित विभिन्न कॉलेज कैंपस में छात्र संघ चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इसको लेकर सभी कैंपस में संशोधित (student union election) मतदाता सूची चस्पा कर दी गई है. प्रत्याशी 22 अगस्त से नॉमिनेशन दाखिल करेंगे. इससे पहले प्रमुख छात्र संगठन एनएसयूआई और एबीवीपी ने एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न कॉलेज में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. हालांकि उम्मीदवारों की घोषणा करने में दोनों ही छात्र संगठनों के नेताओं को काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है.

अजमेर में छात्र संघ चुनाव की तैयारी

वर्ष 2019-20 में हुए छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई को मुंह की खानी पड़ी थी. वहीं एमडीएस यूनिवर्सिटी, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय सहित सभी छोटे-बड़े कॉलेज कैंपस में एबीवीपी ने अपना परचम लहराया था. ऐसे में एबीवीपी छात्र संगठन के सामने अपने जीत को कायम रखना चुनौती है तो वहीं एनएसयूआई के सामने एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित अन्य कॉलेजों में अपना वर्चस्व कायम रखना चुनौती बना हुआ है.

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एमडीएसयू समेत इन कैंपस में होंगे चुनाव :राजस्थान में 26 अगस्त को छात्र संघ चुनाव होने (Student Union election date) हैं. इनमें महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, सावित्री राजकीय महिला कॉलेज, डीएवी कॉलेज, श्रमजीवी कॉलेज, विधि कॉलेज, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय शामिल हैं. इनके अलावा उपखंड क्षेत्रों में नसीराबाद, पुष्कर, केकड़ी, किशनगढ़, ब्यावर में भी राजकीय महाविद्यालयों में चुनाव की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है.

इन कैंपस में हुई उम्मीदवारों की घोषणा :एनएसयूआई और एबीवीपी ने छात्र संघ चुनाव के लिए एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न कैंपस में अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. एनएसयूआई की बात करें तो एमडीएस यूनिवर्सिटी में बस्तीराम को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. वहीं एबीवीपी ने महिपाल गोदारा को अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाया है. इधर संभाग के सबसे बड़े सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में एनएसयूआई ने नवीन कोमल को अध्यक्ष पद के लिए टिकट दिया है. वहीं एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए सुरेंद्र गुर्जर को टिकट दिया है. साथ ही उपाध्यक्ष पद पर भावना भाटी और महासचिव पद पर कुशाल प्रजापति को उम्मीदवार बनाया है.

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यहां भी उतारे प्रत्याशी :एबीवीपी ने राजकीय विधि महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए राजेंद्र कालस, उपाध्यक्ष पद के लिए मोहन यादव, महासचिव पद के लिए जयेश चौरसिया को उम्मीदवार बनाया है. वहीं राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय में अध्यक्ष पद के लिए सागर शर्मा, उपाध्यक्ष पद के लिए पल्लवी दाधीच और महासचिव पद के लिए सांवरा लाल एवं संयुक्त सचिव पद के लिए अनुराधा मेघवंशी को प्रत्याशी घोषित किया है.

एनएसयूआई ने सावित्री राजकीय गर्ल्स कॉलेज में अंजलि मीणा को अध्यक्ष, साक्षी जाट को उपाध्यक्ष, नेहा नायक को महासचिव और हर्षिता सेन को संयुक्त सचिव पद के लिए उतारा है. दोनों ही दलों की ओर से एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित कई कॉलेज कैंपस में अध्यक्ष के अलावा अन्य पैनल पर उम्मीदवार के नाम घोषित करना अभी शेष है. अन्य पैनल पर प्रत्याशियों के नाम घोषित करने को लेकर एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों ही छात्र संगठन में मंथन जारी है. इधर निर्दलीय उम्मीदवार भी एबीवीपी और एनएसयूआई के प्रत्याशियों को चुनौती देने के लिए तैयार हैं.

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छात्र संगठन को बीते कोरोना काल का सहारा :छात्र संघ चुनाव आखरी बार 2 वर्ष पहले यानी वर्ष 2019-20 में हुए थे. एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्र नेता 2 साल के कोरोना काल को सेवाकाल बता कर चुनाव जीतने का जरिया बना रहे हैं. एबीवीपी के नगर महामंत्री विकास गौरा ने बताया कि कोरोना काल में एबीवीपी कार्यकर्त्ताओ ने एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित सभी कॉलेज कैंपस में छात्र हितों के लिए काम किया और उन्हें इस मुश्किल समय में सहयोग किया.

विकास का आरोप है कि इस दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ता घरों में बैठे हुए थे. यही वजह है कि एबीवीपी को सेवा का फल जरूर मिलेगा. उन्होंने दावा किया है कि एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित सभी कॉलेज कैंपस में एबीवीपी की जीत कायम रहेगी. इधर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष अब्दुल फरहान ने बताया कि 2019 में हुई गलती को एनएसयूआई नहीं दोहराएगी. एनएसयूआई के कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ चुनाव में उतरे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने छात्र रसोई के माध्यम से गरीब वर्ग के लोगों तक खाना पहुंचाया था. वहीं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को भी सहयोग किया था. ऐसे में अपने काम के दम पर एनएसयूआई एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित सभी कॉलेज कैंपस में अपनी जीत का परचम लहराएगी.

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