अजमेर. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. डोटासरा की पुत्र वधू के भाई और बहन के RAS- 2018 के साक्षात्कार में एक समान अंक आने के विवाद में घिरे हुए हैं. इसके साथ ही अब उनकी पुत्र वधू और उनके भाई-बहन के ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बाद अब उनके समधी रमेश चंद पूनिया पर भी सवाल उठ रहे हैं. समधी रमेश चंद पूनिया चूरू जिले के जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. प्रतिभा पूनिया का आरएएस 2016 में चयन हुआ था, उनके भाई गौरव और प्रभा का भी आरएसएस 2018 मे चयन हुआ है. खास बात यह है कि तीनों के आयोग में हुए साक्षात्कार में 80-80 फीसदी अंक हैं. RPSC रिश्वत कांड के खुलासे के बाद RAS- 2018 के हुए साक्षात्कार संदेह के घेरे में आ चुके हैं.
बता दें, RAS- 2018 की प्रथम टॉपर मुक्ता राव को साक्षाकार में 77 अंक मिले हैं, जबकी गौरव और प्रभा को 80 अंक मिले हैं. आरपीएससी रिश्वत कांड में आयोग सदस्य राजकुमारी गुर्जर के पति भैरु सिंह गुर्जर रडार पर हैं. आयोग का जूनियर अकाउंटेंट राजन सिंह गुर्जर और नरेंद्र पोसवाल को एसीबी परिवादी से 23 लाख रुपए की रिश्वत लेते पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. मामले में एसीबी गहनता से जांच कर रही है. जांच में कई नए खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है.
इधर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के समधी रमेश चंद पूनिया पर अपने तीनों संतानों का ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. जिला शिक्षा अधिकारी के पद स्थापित होने से पहले राजेश पूनिया ने 1983 में हेड मास्टर पद पर जॉइनिंग ली थी. हेड मास्टर का पद प्रथम ग्रेड अधिकारी का होता है. सरकारी अधिकारी होने की वजह से वह क्रीमीलेयर में हैं. ऐसे उनकी संतानों का ओबीसी प्रमाण पत्र बनना सम्भव नहीं है, लेकिन उन्होंने अपनी तीनों संतानों के प्रमाण पत्र ओबीसी के बनवाए हैं. वहीं, ओबीसी आरक्षण का लाभ भी उनकी संतानों ने आरएएस भर्ती परीक्षा में लिया है.