अजमेर.कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही विशेष सतर्कता के बीच ईटीवी भारत ने संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया. आइसोलेशन वार्ड में जनरल वार्ड के अलावा आईसीयू है. खास बात यह कि कोरोना के लिए अलग से वार्ड नहीं बनाया गया, बल्कि स्वाइन फ्लू के लिए उपयोग में लिए जा रहे आइसोलेशन वार्ड को ही कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित किया है.
कोरोना वायरस मरीज के लिए माकूल इंतजाम जबकि स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड की इमारत के निचले अलग से वार्ड बनाया गया है. 22 बेड के कोरोना वार्ड में फिलाल एक संदिग्ध है. साथ ही स्टाफ के नाम पर महज एक कर्मी मास्क पहने मौजूद दिखाई दिया. आइसोलेशन वार्ड में साफ सफाई है. वहीं सेनेटाइजर की उपलब्धता भी है.
पढ़ेंःगहलोत के मंत्री कर्मचारियों को बांटे Mask, और खुद ही लगाना भूल गए
आइसोलेशन वार्ड में मौजूद नर्सिंग कर्मी के लिए अलग से रूम है. साथ ही आईसीयू में हर मरीज के लिए अलग-अलग कांच के केबिन बने हुए है. ताकि संक्रमण एक से दूसरे को नही फैले. आइसोलेशन वार्ड में जाने की किसी को इजाजत नहीं है, बल्कि मरीज के परिजन भी वार्ड में नहीं जा सकते है. गनीमत है कि अभी तक वार्ड में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं आया है.
अजमेर में 6 कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच नेगेटिव आई है. जबकि एक संदिग्ध मरीज की जांच रिपोर्ट फिलहाल नहीं आई है. बता दें कि जेएलएन अस्पताल में खासी, बुखार जुखाम के मरीजों के लिए अलग से ओपीडी बनाई गई है. जहां मरीज की स्क्रीनिंग की जा रही है.