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पिछली सरकार में बने 30 फीसदी श्रमिक कार्ड फर्जी, वास्तविक रहे वंचित: श्रम राज्य मंत्री

श्रम विभाग के राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने पूर्व वसुंधरा सरकार पर आरोप लगाया है कि उनके कार्यकाल में बीजेपी के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रमिक कार्ड बनाए गए जबकि वास्तविक मजदूरों के कार्ड नहीं बनाए गए. यह बात उन्होंने अजमेर के सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में कही.

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Published : Aug 27, 2019, 9:04 PM IST

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अजमेर.प्रदेश के श्रममंत्री टीकाराम जूली ने पिछली वसुंधरा सरकार के दौरान श्रमिक कार्डों में फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं. उन्होंने जांच में करीब 30% फर्जीवाड़ा सामने आया है. अब जो फार्म स्वीकृत किए गए हैं वह दोबारा जांच के बाद ही शामिल किए गए हैं. वहीं फर्जी श्रमिक के तौर पर दाखिल किए गए फॉर्म हटाए जा रहे हैं. टीकाराम जूली मंगलवार को अजमेर में थे, जहां सर्किट हाउस में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की.

श्रम विभाग के राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि श्रमिक कार्ड के फर्जीवाड़ा मामले में 27 ईमित्र और सात अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके अलावा बड़ी संख्या में उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है जिन्होंने फर्जी कार्ड बनवाए थे. उन्होंने बताया कि श्रमिक कार्ड बनाने में ज्यादातर सहयोग ई-मित्र का रहता है. इसलिए ई-मित्र संचालकों के खिलाफ ज्यादा कार्रवाई हुई है.

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दरअसल ई-मित्र के पास ही अधिकारियों की सील ट्रेड यूनियन के लेटर हेड और मजदूरों की डायरिया पाई गई हैं. इतना ही नहीं शुभ शक्ति योजना और मृत्यु सहायता योजना में भ्रष्टाचार और कमीशन बाजी का खेल किया जाता रहा है. राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि फर्जीवाड़े को रोकने के लिए विभाग ने आधार कार्ड की अनिवार्यता और तीन नंबर भी जारी किए हैं. इसके लिए काफी दिक्कत भी आवेदकों को आ रही हैं. इसलिए उसका सरलीकरण करने की कोशिश की जा रही है ताकि श्रमिकों को परेशानी न हो. विभाग का मकसद श्रमिकों को उनका पूरा हक दिलाना है. पिछली वसुंधरा सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में फायदा लेने के लिए वसुंधरा सरकार ने अपने लोगों के श्रमिक कार्ड बनवाए जबकि वास्तविक मजदूर इससे वंचित रहे...

पिछली सरकार ने अपने लोगो के बनाए श्रमिक कार्ड : मंत्री टीकाराम जूली

'कांग्रेस सरकार लाएगी मजदूरों के लिए अच्छी योजनाएं'
श्रमिकों को साइकिल दिए जाने की योजना के बंद होने के सवाल पर राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन आ गई है. जिसके अनुसार पीओसी बोर्ड का गठन हो रहा है. अब सरकार इसमें ऐसी योजनाएं लेकर आएगी जिससे मजदूर की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी. उन्होंने बताया कि श्रम विभाग 5 लाख तक का बीमा दे रहा है. सिलिकोसिस बीमारी होने पर 2 लाख और मृत्यु होने पर 5 लाख दिए जा रहे हैं. 35 हजार तक की स्कॉलरशिप श्रमिकों के बच्चों को दी जा रही है. शुभ शक्ति योजना के तहत बच्चियों को 55 हजार दिए जा रहे हैं. इस तरह की 8 योजनाएं वर्तमान में श्रमिकों के लिए चल रही है.

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राज्यमंत्री ने बताया कि विभाग का पूरा फोकस श्रमिकों को उनका पूरा हक दिलाना है. फैक्ट्री के अंदर मजदूरों को आवश्यक सहूलियत और न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल रही है. यह खेल अब नहीं चलेगा. इसके लिए विभाग जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी को फोकस करते हुए विशेष कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट योजना में श्रम विभाग में भी भर्ती की घोषणा की है.

'45 फ़ीसदी पद पड़े हैं रिक्त'
पिछली वसुंधरा सरकार पर आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि 5 साल में कोई भर्ती नहीं की गई है. विभाग में वर्तमान में 45 लाख श्रमिकों का पंजीयन है जबकि पिछली सरकार साढ़े 12 लाख की पेंडेंसी छोड़कर गई थी. साथ ही विभिन्न योजनाओं में श्रमिकों को देने के लिए 3 वर्ष में 2401 करोड़ की पेंडेंसी भी वसुंधरा सरकार बकाया छोड़कर गई थी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इसी सरकार ने सेज नहीं वसूला है. जिनसे सेज की वसूली की गई वह भी गलत तरीके से की गई. इसलिए विभाग को कुछ दिक्कतें आ रही है लेकिन विभाग ने अपनी प्राथमिकता बनाई है और पहले मृत्यु सहायता के लंबित प्रकरणों में राशि जारी कर दी गई है इसके अलावा सिलिकोसिस से जुड़े मामलों में भी 95 फ़ीसदी पैसों का भुगतान कर दिया गया है.

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