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अजमेर में अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले का झंडारोहण के साथ हुआ आगाज, 11 नवंबर तक चलेगा

अजमेर में अंतरराष्ट्रीय श्री पुष्कर मेला 2019 की शुरुआत झंडारोहण से पहले विधिवत पूजा अर्चना की गई. वहीं अवसर पर मेला ग्रांउड पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक मौजूद रहे.

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Published : Nov 4, 2019, 8:44 PM IST

अजमेर.अंतरराष्ट्रीय श्री पुष्कर मेला 2019 का आगाज हो चुका है. झंडारोहण से पहले विधिवत पूजा अर्चना के साथ मेले की शुरुआत कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने की. मेला ग्राउंड पर इस अवसर पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक जुटे.

अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले का विधिवत आगाज

अंतरराष्ट्रीय श्री पुष्कर मेला 2019 की शुरुआत पहली बार पवित्र सरोवर के घाट पर पूजा अर्चना के साथ की गई. हालांकि मेले का आगाज परंपरा के अनुसार झंडारोहण के साथ हुआ. निकाय चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता के मद्दे नजर जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने झंडारोहण से पहले पंडित कैलाश बुधवाडा के सानिध्य में विधिवत पूजा अर्चना की.

इस दौरान देसी-विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा और खुशहाली की कामना की गई. वहीं, पशुपालकों और मेले में आए व्यापारियों के लिए कारोबार में वृद्धि की प्रार्थना भी की गई.
बता दें कि सबसे खास बात यह है कि विधिवत पूजा में भगवान इंद्र देव को भी मनाया गया ताकि मेले के दौरान बारिश से किसी प्रकार का कोई विघ्न ना हो. जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद झंडारोहण किया.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि मेले की सभी तैयारियां पहले से ही पूर्ण कर ली गई है. मेले में ज्यादा से ज्यादा पशुपालक आए इसकी उम्मीद की जा रही है. उन्होंने बताया कि देशी-विदेशी पर्यटकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम 11 नवंबर तक मेले के दौरान होंगे.

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वहीं, इस मेले का आगाज होने पर देसी और विदेशी पर्यटकों में खासा उत्साह है. मेला क्षेत्र में पर्यटकों को सतरंगी लोक संस्कृति के दर्शन करने का मौका मिल रहा है. इन खूबसूरत नजारों को विदेशी पर्यटक ना केवल कैमरे में कैद कर रहे हैं बल्कि अपनी यादों में भी संजो रहे है. अमेरिका से आई पर्यटक एमली ने बताया कि विभिन्न रंगों से लबरेज लोक संस्कृति और पशु, खासकर ऊंट उसने इतनी तादाद में पहले कभी नहीं देखे. यह सब देखने के लिए वह काफी उत्साहित है.

वहीं, ऊंट श्रृंगारक अशोक टांक भी पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रहे है. टांक ने ना केवल ऊंट का मनमोहक श्रृंगार किया है. बल्कि ऊंटो से आकर्षित तीन विदेशी महिलाओं को भी लोक संस्कृति के मुताबिक पोशाक पहनाई. जिससे विदेशी तीनो महिलाएं भी पर्यटकों को खूब लुभा रही है.

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पुष्कर की मिट्टी में ही वो खासियत है कि यहां जो भी आता है वो इससे प्रभावित हुए बिना नही रहता. प्रसिद्ध नागडा वादक नाथू लाल सोलंकी और उनके विदेशी शिष्य ने भी मेले में अपनी नगाड़ा वादन की कला से समा बांध रखा है. वहीं, देश के कोने-कोने से आए पशु पालक भी मेले में मनोरंजन के लिए अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे है. देशी विदेशी पर्यटकों के लिए पुष्कर मेले देखने के लिए इतना सब कुछ है कि उनका आकर्षण कम होने की बजाय बढ़ ही रहा है.

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