अजमेर.जिले में हजरत सैयद मीरा हुसैन किंगसवार साहब की दरगाह से कुछ ही दूरी पर एक ऐसा पत्थर मौजूद है जो हवा में तैरता है. दरगाह बाजार स्थित अढ़ाई दिन के झोपड़ें से लगभग 3 किलोमीटर की पथरीली पहाड़ी की चढ़ाई पर यह पत्थर रखा हुआ है. ईटीवी भारत की टीम इस पत्थर की तरफ बढ़ी तो जगह-जगह रास्ते में स्टॉलें खुली हुई थी और उन पर ताबीज पत्थर यानी स्टोन जैसी चीज को बेचा जा रहा था और दावा किया जा रहा था कि इन ताबीज के जरिए आप पर चमत्कार होगा और आप कभी बीमार नहीं पड़ेंगे, कोर्ट में मुकदमा भी जीत जाएंगे, शिक्षा में आगे बढ़ेंगे, खैर इन्हें छोड़कर हमारी टीम आगे बढ़ती रही और आखिरकार तारागढ़ से ठीक पहले नूरानी पत्थर हमें मिल ही गया.
इस पत्थर के पास एक खादिम बैठे थे और वे लोगों को बता रहे थे कि मीरा हुसैन साहब ने अपनी दो उंगलियों से इस पत्थर को रोका था. जिससे एक जगह निशान बना है. और साथ ही बता रहे थे कि उन्होंने चाबुक रखा है और तीसरी जगह घोड़े का पांव रखा था. इनका दावा है कि इन स्थानों पर हाथ लगाने मात्र से कई बीमारियों का इलाज चुटकी में हो जाता है. जब हमने यहां के जायरिनों से बात की तो उन्होंने भी आस्था जताते हुए कहा कि हम इस पत्थर को देखने आए हैं. हालांकि, यह पत्थर फिलहाल जमीन पर टिका है. लेकिन यह पत्थर हवा में तैरता था और इस पत्थर को छूने मात्र से ही कई बीमारियों का इलाज हो जाता है.